उन्नाव का डौंडियाखेड़ा गांव. वही गांव जहां कभी खजाने की खोज में यूपीए सरकार की रातों की नींद गायब हो गई थी. करीब एक महीने की मेहनत के बाद भी पुरातत्व विभाग को वहां खजाना नहीं मिला, लेकिन अब यूपी सरकार डौंडियाखेड़ा के बहाने खजाना बनाने की कवायद में जुट गई है. प्रदेश सरकार डौंडियाखेड़ा को पर्यटन स्थल बनाने जा रही है.
उन्नाव का डौंडियाखेड़ा गांव कल तक अपने आसपास बसे अन्य गांव की तरह ही एक साधारण सा गांव था. लेकिन खजाने की खोज ने इसे रातों-रात सुर्खियों में ला दिया. अखिलेश सरकार अब गांव की इसी छवि को भुनाने की जुगत में जुट गई है. सरकारी महकमे को विश्वास है कि पर्यटन केंद्र विकसित करने से दूर-दराज के लोग यहां घूमने आएंगे.
डौंडियाखेड़ा साल 2013 की सबसे बड़ी खबरों में शुमार रहा. एक बाबा ने सपना देखा कि राजा राव बख्श सिंह के किले के खंडहर की जमीन के नीचे सोने का खजाना छिपा है. बाबा शोभन सरकार के इस सपने पर मनमोहन सरकार ने भी यकीन किया और दल-बल के साथ एक हजार टन सोने के सपने को सच साबित करने में जुट गई. करीब एक महीने तक सोना ढूंढने के लिए खुदाई की गई, लेकिन हाथ में सिर्फ मिट्टी ही आई.
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मनमोहन सरकार के आदेश पर पुरातत्व विभाग ने डौंडियाखेड़ा किले में गड़े खजाने का पता लगाने के लिये खुदाई शुरू की, तब से पूरे देश के नजरें इस गांव और किले पर आकर टिक गई. हालांकि इन सब से इतर बाबा शोभन सरकार अभी तक यह दावा कर रहे हैं कि वहां खजाना है और सरकार ने सही जगह पर खुदाई नहीं करवाई. खबर तो यह भी है कि बाबा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खजाने की खोज को लेकर बात करने की इच्छा रखते हैं.