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CM योगी ने कहा- माफिया-अपराधियों से मिलीभगत रखने वाले पुलिसकर्मी तुरंत हों बर्खास्त

विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सबसे अहम वायदों में किसानों का कर्ज माफ करना भी था. सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार इस आश्वासन को पूरा करने के लिए अलग-अलग प्रस्तावों पर गौर कर रही है.

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एक्शन में योगी सरकार
एक्शन में योगी सरकार

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सत्ता संभालने के बाद यूपी की योगी सरकार एक्शन में है. मंगलवार की शाम को सीएम ने लखनऊ सचिवालय में गृह विभाग की अहम बैठक बुलाई. सचिवालय की पांचवीं मंजिल पर हुई इस मीटिंग का मकसद राज्य की कानून-व्यवस्था को सुधारने के उपायों पर गौर करना था.

कानून-व्यवस्था पर अहम बैठक
बैठक में प्रदेश भर के सभी आला अधिकारियों को तलब किया गया था. इनमें डीजी और एडीजी स्तर के सभी आईपीएस अफसर भी शामिल हुए. इसके अलावा राज्य के प्रमुख सचिव देवाशीष पांडा, डीजीपी जावीद अहमद और कई सीनियर आईपीएस अफसर भी मीटिंग में शरीक हुए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साफ कर चुके हैं कि यूपी में अपराध कम करना उनकी सरकार के एजेंडे की प्राथमिकताओं में से एक है.

बैठक में दिए ये निर्देश
बैठक में सीएम योगी ने निर्देश दिए कि जो भी पुलिसवाले भूमाफियाओं, वन माफियाओ, गो तस्करों और क्रिमिनल्स के साथ मिले हैं. उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए. जो भी पुलिसवाले किसी भी तरह के क्राइम मे शामिल हैं, उन्हें पहचाना जाए और कार्रवाई हो. मुकदमा किया जाए. गांवों मे पुलिसवालों को पैदल गश्त करने के लिए कहा जाए, जिससे लोगों से जुड़ाव हो. नोएडा मे नाइजीरियन वाली घटना और लखनऊ में बढ़ती लूट की घटनाओं को गंभीरता से लेने को कहा. साथ ही कहा कि हर डीजी-एडीजी अपने तीन महीने के काम का रोड मैप तैयार करे और उसके हिसाब से काम करें.

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लोगों का कानून पर भरोसा कायम करना होगा
योगी ने साथ ही कहा कि गो तस्करी को पूरी तरह से रोका जाये. किसी भी फरियादी को लेट ना किया जाए. थाने मे बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए. फायर डिपार्टमेंट को हर ब्लॉक स्तर पर फायर टेंडर रखनी होगी ताकि किसानों की फसल मे लगने वाली आग पर फौरन काबू किया जा सके. पुलिसिंग मे बेहद सुधार की जरूरत है. लोगों का भरोसा कानून पर कायम करना होगा. जो भी अधिकारी लापरवाही करे उस पर फौरन एक्शन हो. ऑफिस देर से आने वाले को किसी भी कीमत पर ना बख्शा जाए. हर बड़े अधिकारी को औचक निरीक्षण करना होगा जिससे डर बना रहे.

किसानों को कर्ज माफी की कोशिश
विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सबसे अहम वायदों में किसानों का कर्ज माफ करना भी था. सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार इस आश्वासन को पूरा करने के लिए अलग-अलग प्रस्तावों पर गौर कर रही है. इस सिलसिले में योगी लगातार आला अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. समझा जा रहा है कि योगी सरकार इस काम के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के ट्रांसफर-टू-स्टेट फंड से मदद लेने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री इस वायदे पर खरा उतरने के लिए कर्ज उठाने पर भी विचार कर रहे हैं. पीएम मोदी के अलावा योगी आदित्यनाथ ने भी वोटरों को भरोसा दिलाया था कि किसानों का कर्ज माफ करना उनकी सरकार के पहले कामों में होगा.

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जेटली ने झाड़ा था पल्ला
हालांकि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद वित्त मंत्री जेटली ने साफ किया था कि केंद्र सरकार के लिए किसानों का कर्ज माफ करना मुमकिन नहीं है. उन्होंने सलाह दी थी कि राज्य सरकारों को इसके लिए खुद पैसा खर्च करना होगा. यूपी के अलावा महाराष्ट्र और तमिलनाडु समेत कई राज्यों के किसान कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं.

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