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सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड को केंद्र ने भेजा पानी, यूपी सरकार ने कहा- नहीं चाहिए

अखिलेश सरकार ने यह कहते हुए पानी लेने से इनकार कर दिया कि यहां लातूर जैसे हालात नहीं हैं. आलम ये है कि केंद्र की ओर से भेजे गए पानी के टैंकर झांसी में खड़े हैं और राज्य सरकार इन्हें लेने तो तैयार नहीं है.

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एक ओर जहां सूखे की मार से आम आदमी का हाल बेहाल है तो वहीं, इस मुद्दे पर सियासी तकरार भी कम होती नहीं दिख रही है. सूखे की समस्या से परेशान यूपी के बुंदेलखंड में केंद्र सरकार ने पानी के टैंकर भेजे लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे लेने से इनकार कर दिया.

अखिलेश सरकार ने यह कहते हुए पानी लेने से इनकार कर दिया कि यहां लातूर जैसे हालात नहीं हैं. आलम ये है कि केंद्र की ओर से भेजे गए पानी के टैंकर झांसी में खड़े हैं और राज्य सरकार इन्हें लेने तो तैयार नहीं है.

शिवपाल बोले- पानी स्टोर करने के लिए जगह नहीं
बुंदेलखंड में आने वाले यूपी और मध्य प्रदेश के 13 जिले सूखे की मार झेल रहे हैं. इन जिलों में पानी का संकट भी गहराया है लेकिन राज्य के जल संसाधन मंत्री शिवपाल यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पानी की व्यवस्था की है. केंद्र ने जो टैंकर भेजे हैं उनका पानी स्टोर करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है.

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'वाटर ट्रेन की जरूरत नहीं'
यूपी के चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने कहा है कि फिलहाल वाटर ट्रेन की जरूरत नहीं है. अगर होगी तो केंद्र से मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि टैंकरों से गांवों में तालाब भरे जा रहे हैं और खाने का समान अप्रैल में ही बांटा जा चुका है.

तीन साल से नहीं हुई अच्छी बारिश
बता दें कि सात मई को यूपी के सीएम अखिलेश यादव दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं. यूपी सरकार ने अपने बजट में बुंदेलखंड के विकास और सूखा राहत के लिए 1400 करोड़ का पैकेज दिया है. यहां पिछले तीन साल से अच्छी बारिश नहीं हुई, जिसके चलते सूखे के हालात हैं.

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