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दंगा पीड़ि‍तों के लिए यूपी सरकार की स्कीम: 5 लाख लो राहत कैंप छोड़ो

दंगा पीड़ि‍तों के लिए शायद ही कभी ऐसी स्‍कीम किसी सरकार ने बनायी हो, जैसी उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने बनायी है. यूपी सरकार ने मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ि‍तों के लिए जो स्कीम चलायी है, उसके अनुसार दंगा पी‍ड़ि‍तों को कहा जा रहा है कि पांच लाख रुपये लो और राहत शिविर छोड़ दो.

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अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

दंगा पीड़ि‍तों के लिए शायद ही कभी ऐसी स्‍कीम किसी सरकार ने बनायी हो, जैसी उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने बनायी है. यूपी सरकार ने मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ि‍तों के लिए जो स्कीम चलायी है, उसके अनुसार दंगा पी‍ड़ि‍तों को कहा जा रहा है कि पांच लाख रुपये लो और राहत शिविर छोड़ दो.

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शायद इस स्‍कीम पर किसी को यकीन न हो, लेकिन यही सच है. मुजफ्फरनगर प्रशासन ने हर हथकंडे अपना लिए हैं, लेकिन राहत शिविर में रह रहे दंगा पीड़ि‍त शिविर छोड़ने को तैयार ही नहीं थे. इसलिए रुपयों के दम पर अब उत्तर प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर प्रशासन को आदेश दिया है कि राहत शिविर में रहने वाले परिवारो को 5-5 लाख रुपये दो और राहत शिविर से जाने के लिए कहो.

इस स्‍कीम के तहत कुछ शर्तें भी
पहली शर्त तो यह है कि पांच लाख रुपये का मुआवजा लेने के बाद वह परिवार लौटकर अपने मूल गांव में रहने नहीं जाएगा. दूसरी शर्त के अनुसार, मुआवजा लेने वाले परिवार को लिखित में शपथ पत्र देना होगा कि वह जिस किसी भी गांव में जाकर रहेगा, वहां किसी भी सरकारी सम्पति पर कब्जा नहीं करेगा. तीसरा यह कि पांच लाख रुपये लेने के बाद वह परिवार चल सम्‍पत्ति का मुआवजा लेने का हकदार तो होगा, लेकिन उसे अचल सम्पति का मुआवजा नहीं मिलेगा. चौथी शर्त यह है कि मुआवजा लेने वाला परिवार लौटकर राहत शिविर में नहीं आएगा.

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ये सभी शर्तें मानने वाले ही इस मुआवजे के हकदार होंगे. सरकार की इस स्कीम से अब तक लगभग 79 परिवारों ने पैसा लिया है और शिविर छोड़ दिया है. फिलहाल मुजफ्फरनगर राहत शिविरों में 950 परिवार रह रहे हैं और मुजफ्फरनगर में कुल राहत शिविरों कि संख्‍या 5 है. अब देखना ये है कि इस स्कीम को चलाकर क्या उत्तर प्रदेश सरकार राहत शिविर में रह रहे दंगा पीड़ि‍तों का पुनर्वास करा पायेगी या नहीं.

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