यूपी में IAS अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड किए जाने का मसला धीरे-धीरे और उबाल खाता नजर आ रहा है. यूपी सरकार ने दुर्गा शक्ति नागपाल को चार्जशीट सौंप दी है. उन्हें जवाब देने के लिए 45 दिनों का वक्त दिया गया है.
नागपाल को 8 दिन पहले सस्पेंड किए जाने से भारी विवाद पैदा हो गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आरोप पत्र की एक प्रति के साथ एक रिपोर्ट केंद्र में कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग को रविवार रात भेज दिया गया है.
गौतमबुद्ध नगर की 28 वर्षीय एसडीएम नागपाल को 27 जुलाई को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना एक बन रही मस्जिद की दीवार गिराने का आदेश देने के लिए निलंबित कर दिया गया था. नागपाल ने खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की थी. नागपाल उत्तर प्रदेश कैडर की अधिकारी हैं.
सूत्रों ने बताया कि आरोप पत्र आयुक्त (मेरठ संभाग) की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई है. ऐसा समझा जाता है कि यह 10 पन्ने का है. बताया जा रहा है कि अधिकारी को आरोप पत्र का जवाब देने के लिए 15 दिन का वक्त दिया गया है.
आरोप पत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मुद्दे पर पत्र लिखने के एक दिन बाद दिया गया है. पत्र में सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री से इस बात को सुनिश्चित करने को कहा था कि नागपाल के साथ अन्याय न हो.
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री वी नारायणसामी के अनुसार 2010 बैच की आईएएस अधिकारी के निलंबन पर तत्काल रिपोर्ट मांगने के लिए राज्य सरकार को तीन पत्र भेजे गए हैं.