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यूपी के हमीरपुर जिले में पंचायत निर्वाचन अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक 20 साल की युवती चुनाव जीतकर ग्राम प्रधान बन गयी. चुनाव के नतीजों के बाद हारे हुए प्रत्याशियों ने जिला निर्वाचन अधिकारी से लड़की की उम्र कम होने की शिकायत की थी. पंचायत निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले में जीती ग्राम प्रधान की हाई स्कूल की मार्कशीट और आधार कार्ड में लिखी जन्म तिथि का अवलोकन करने के बाद नव निर्वाचित ग्राम प्रधान की उम्र पंचायत चुनाव लड़ने की उम्र 21 साल के मुकाबले कुल 20 साल 27 दिन ही पाई गई.अब इस नव निर्वाचित ग्राम प्रधान लड़की की प्रधानी खतरे में पड़ गयी है.
हमीरपुर जिले में मौदहा विकास खण्ड में परछछ गांव में प्रधान पद का चुनाव इस बार अनुसूचित जाति के लिय रिजर्व था. जिसमें गांव की ही अविवाहित लड़की आंशिका गौतम ने भी प्रधानी का चुनाव लड़ा था और उसने सभी प्रत्याशियों को पछाड़ते हुए 473 वोट पाकर जीत हासिल की थी.
आंशिका गौतम की जीत के बाद विरोधी खामियां तलाशने में जुट गए थे. विरोधियों ने प्रधान अंशिका की शैक्षिक योग्यता और आधार कार्ड निकलवा कर जिला निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी कि अंशिका गौतम चुनाव लड़ते वक्त 21 साल की नहीं थी. इसलिए उनका निर्वाचन निरस्त किया जाए.
मौदहा ब्लाक के निर्वाचन अधिकारी सुधीर कुमार सिंह ने 15 मई को प्रधान अंशिका के प्रमाण पत्रों की जांच के लिये सहायक निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार द्विवेदी को अधिकृत किया था. सहायक निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार द्विवेदी ने अंशिका गौतम की हाईस्कूल की मार्क शीट और उसके आधार कार्ड की जांच की तो दोनों अभिलेखों में अंशिका की जन्म तिथि 23 अप्रैल 2002 दर्ज पायी गयी है जिसके अनुसार अंशिका की उम्र चुनाव लड़ते वक्त सिर्फ 20 साल 27 दिन ही थी. यह चुनाव लड़ने के लिये निर्धारित 21 साल से कम है. इस गांव में कुल 3,197 वोटर हैं. अनुसूचित जाति के कुल 26 प्रत्याशी मैदान में थे. चुनाव में अंशिका को 473 वोट दे मिले थे और वह विजयी रही थी. जबकि दूसरे नंबर पर रहे महारजवा को कुल 397 वोट ही मिले थे.
बता दें कि इससे पहले पूर्व कैबनेट मंत्री और रामपुर के चर्चित सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान की भी उम्र कम पायी गयी थी और उनकी विधायक की सदस्यता को रद्द कर दिया गया था. अब उम्र कम होने के कारण प्रधान अंशिका की सदस्यता पर भी प्रधानी निरस्त होने का खतरा मंडराने लगा है.