उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद में भी बाढ़ खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है. शहर में पानी का असर लोगों के जीवन पर पड़ना शुरू हो गया है. दरअसल महराजगंज नेपाल के उस इलाके के पास पड़ता है जहां से नेपाल की पहाड़ियों से पानी आसानी बह कर इधर की तरफ आ जाता है.
ये है महराजगंज बाढ़ की असली वजह
नेपाल की पहाड़ियों और बारिश के पानी से महराजगंज जिले की गंडक छोड़ सभी राप्ती, रोहिन, चंदन, प्यास सभी नदियां खतरे की निशान से ऊपर बह रही हैं.
दो दिन पहले चेहरी बांध टूटने से महराजगंज-फरेंदा मार्ग पर चार पहिया वाहनों के आवागमन को रोक दिया गया है. चेहरी में नाव के माध्यम से ग्रामीणों को बाहर निकाला जा रहा है. जबकि बुधवार को रोहिन नदी के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए पनियरा क्षेत्र के हरखपुराड़ी रास्तों का पानी आसाना गांव को प्रशासन ने खाली कराना शुरू कर दिया है. एनडीआरएफ की वाराणसी यूनिट लगातार बचाव का काम कर रही है. इलाके पर असर डालने वाली सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुकी हैं.
बुधवार सुबह जिले की सीमा से बहने वाली नदियों की स्थिति
नदी - खतरे का निशान - बहाव की स्थिति
गंडक नदी - 365.30 फीट - 353.30 फीट
राप्ती नदी - 80.30 मीटर - 81.020 मीटर
रोहिन नदी - 82.44 मीटर - 85.230 मीटर
चंदन नदी - 101.05 मीटर - 101.40 मीटर
प्यास नदी - 102.25 मीटर - 102.70 मीटर