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यूपी में शराब की बिक्री कम, सरकार को राजस्व का नुकसान

उत्तर प्रदेश में अंग्रेजी शराब की बिक्री लगातार गिर रही है, जिसके चलते सरकार का राजस्व प्रभावित हो रहा है. अंग्रेजी शराब की बिक्री में कमी आने के कारण सरकार की भी चिंता बढ़ गई है.

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उत्तर प्रदेश में अंग्रेजी शराब की बिक्री लगातार गिर रही है, जिसके चलते सरकार का राजस्व प्रभावित हो रहा है. अंग्रेजी शराब की बिक्री में कमी आने के कारण सरकार की भी चिंता बढ़ गई है.

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यूपी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए इस कमी पर नियंत्रण करने का आदेश दिया है. उधर, अंग्रेजी शराब की बिक्री में कमी का कारण इसकी कीमतों में भारी बढ़ोतरी किया जाना बताया जा रहा है.

'हुई महंगी बहुत ही शराब कि थोड़ी-थोड़ी पिया करो'… जी हां, उत्तर प्रदेश में अंग्रेजी शराब के महंगे होने का असर अब दिखने लगा है और महंगाई के चलते अंग्रेजी शराब की बिक्री में लगातार गिरावट आ रही है. लोगों ने सूबे में अंग्रेजी शराब पीना कम कर दिया है, जिसके चलते सरकार को राजस्व की हानि हो रही है.

हालांकि चंदौली के जिलाधिकारी सुरेन्द्र विक्रम ने इस बात को नकार दिया. उन्होंने कहा, 'रेवेन्यू का कहीं शार्टेज नहीं है. राजस्व हमारे यहां बढ़ रहा है. गवर्नमेंट ने अभी हाल ​ही में सभी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को आर्डर जारी किए हैं कि प्रवर्तन कार्य को बढ़ा करके राजस्व वसूली को बढ़ाएं. उसमे भी हमारे सारे अधिकारी लगे हुए हैं और हम पूरा प्रयास कर रहे हैं की राजस्व में कही कोई कमी न होने पाए.'

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अब डीएम साहब भले ही कहें कि राजस्व की वसूली में कोई कमी नहीं है, लेकिन हकीकत यह है की चंदौली जनपद में पिछले जून माह के आकड़े के अनुसार अंग्रेजी शराब की बिक्री में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है. देशी शराब और बियर की बिक्री में क्रमशः आठ प्रतिशत और पैंतीस प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अब सवाल यह है कि आखिर सूबे में अंग्रेजी शराब की बिक्री में दिनोंदिन कमी क्यों आ रही है? आबकारी विभाग के अधिकारी इसका कारण अंग्रेजी शराब की कीमतों में बढ़ोतरी किया जाना मानते हैं.

राजशेखर उपाध्याय (जिला आबकारी अधिकारी, चंदौली) ने कहा, 'जनपद चंदौली में माह जून तक देशी मदिरा में आठ परसेंट की वृद्धि है. विदेशी मदिरा में लगभग सोलह परसेंट की गिरावट है और बियर में पैंतीस प्रतिशत की वृद्धि है.

सवाल- गिरावट क्यों आ रही है कुछ पता चल पा रहा है?
जबाब- गिरावट में शराब का महंगा होना भी एक महत्वपूर्ण कारण है. ​दुकानों पर अवैध न बिके इसके लिए सघन चेकिंग की जा रही है.

सवाल- क्या उपाय किए जा रहे हैं?
जबाब- अंग्रेजी दारू की वृद्धि के लिए उसमे टेट्रा पैक का भी आदेश हुआ है. सघन जांच का भी आदेश हुआ है कि कहीं से भी अवैध मदिरा की बिक्री न होने पाए. इसके लिए निरंतर टीम भी गठित की गई है और लगातार चेकिंग की जा रही है.

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गौरतलब है की सूबे के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा आबकारी विभाग से आता है. ऐसे में घटते राजस्व को लेकर सरकार का चिंतित होना लाजिमी भी है. लेकिन बड़ा सवाल यह है की यूपी में आखिर अंग्रेजी शराब की बिक्री में लगातार आ रही कमी का कारण कहीं उसकी बढी हुए कीमतों के बाद उन दूसरे प्रदेशों से लाकर अवैध रूप से बेची जा रही शराब तो नहीं है, जहां के रेट में उत्तर प्रदेश के रेट से काफी कम होते हैं.

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