उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के डौंडिया खेड़ा गांव में साधु के सपने के आधार पर खजाने की खोज में खुदाई का पहले दिन का काम खत्म हो गया है और अब शनिवार सुबह 10 बजे से फिर खुदाई शुरू होगी.
डौंडिया खेड़ा में उमड़ रही भीड़ को देखतें हुये शनिवार से सुरक्षा और कड़ी की जा रही हैं. शुक्रवार को डौंडिया खेड़ा में पीएसी की डेढ़ कंपनी तैनात थी. शनिवार को इसे बढ़ाकर तीन कंपनी कर दी जायेगी. इसके अलावा स्थानीय पुलिस के चार एसओ सहित 50 पुलिस के जवान लगाये थे जिनकी संख्या शनिवार से बढ़कर 100 जवान और 6 एसओ की हो जाएगी. इसके अलावा एक सीओ भी तैनात किया जायेगा.
इसके साथ ही उन्नाव पुलिस शनिवार से खुदाई स्थल के पास खोमचे और ठेले लगाकर खाने का सामान बेच रहे वेंडरों को भी प्रतिबंधित कर देगी. इसके अलावा स्थानीय पुलिस ने ये भी तय किया है कि जिस जगह पर खुदाई हो रही है वहां पर रात में निगरानी के लिये एक नाइट विजन कैमरा भी लगाया जायेगा.
यहां राजा राव रामबख्श सिंह के खंडहर हो चुके किले के पास 1000 टन सोना दबे होने का दावा है.
सुबह मंदिर में पूजा की गई, जिसके बाद पुरातत्व विभाग की 12 सदस्यों की टीम ने खुदाई शुरू कर दी. सुरक्षा के लिहाज से इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. इलाके में धारा 144 भी लगा दी गई है.
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राजा के किले के आगे लगा मेला
खुदाई के औजार भी अलग-अलग हैं. पहले बड़ी खुदाई के लिए फावड़ा और कुदालें और फिर जब 'कुछ' मिल जाएगा तब छोटी खुदाई के लिए छेनी. उन्नाव का छोटा सा गांव अचानक पूरे देश के केंद्र में आ गया है.
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राजा राव रामबख्श के खंडहर हो चुके किले के पास एक छोटा सा मेला ही लग गया है. आस-पास ही नहीं, पड़ोसी जिलों के लोग भी खजाना देखने की हसरत में जमा हो गए हैं. गुलाब जामुन, जलेबी और ब्रेड पकौड़ों की दुकानें भी सज गई हैं. मौके पर देश भऱ के मीडिया के अलावा स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद है.
1857 में अंग्रेजों ने दे दी थी राजा को फांसी
दरअसल शोभन सरकार नाम के एक साधु ने दावा किया था सपने में उन्हें राजा राव रामबख्श सिंह दिखाई दिए और उन्होंने अपने किले के खंडहर में दबा खजाना निकाल देने को कहा.
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राजा रामबख्श डौंडिया खेड़ा स्टेट के 25वें शासक थे. 1857 में उन्होंने अंग्रेजों के साथ लड़ाई लड़ी थी और बाद में उन्हें पेड़ से लटका कर फांसी दे दी गई थी.
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सपना देखने के बाद साधु ने राज्य प्रशासन को इस बारे में बताया. केंद्रीय मंत्री चरण दास महंत तक खबर पहुंची तो वह साधु से मिले. साधु ने उन्हें भरोसे में लिया कि खजाना सामने आने से देश पर समस्याओं का बोझ कुछ हल्का हो जाएगा.
खजाना न मिलने पर सिर कटवाने को तैयार हैं साधु के शिष्य
हालांकि पुरातत्व विभाग का कहना है कि वह किसी सपने के आधार पर खुदाई नहीं कर रहे.
साधु शोभन सरकार के शिष्य स्वामी ओम को खजाना निकलने का पूरा यकीन है. उन्होंने कह दिया है कि अगर खजाना नहीं मिला तो वह सिर कटवाने को तैयार हैं
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स्वामी ओम ने यह भी कहा है कि खुदाई कानून के तहत होनी चाहिए और खजाने का 20 फीसदी हिस्सा इलाके के विकास पर खर्च होना चाहिए. उन्होंने कहा है कि लोगों को हड़बड़ाना नहीं चाहिए.
हर जगह सिर्फ खजाने की चर्चा
खजाना मिलने से पहले खजाने को लेकर रोचक चर्चाएं और बहस शुरू हो गई हैं. खजाना कितना बड़ा होगा, इसका क्या होगा, इसे लेकर लोगों में कौतुहल का भाव है. स्थानीय समाजववादी पार्टी के नेता सुनील यादव 'साजन' ने कहा है कि खजाने पर पहला हक उत्तर प्रदेश का है और अगर बचता है तो देश का होगा. कुछ को उम्मीद है कि महंगाई कम हो जाएगी तो कुछ सोने के दाम घटने के इंतजार में है. कुछ ऐसे भी हैं जो 1000 टन सोने की कीमत का अंदाजा लगाने में ही व्यस्त हैं.
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फतेहपुर में इससे भी बड़ा खजाने का दावा
अभी उन्नाव में खजाना खोजा जाना बाकी है, लेकिन शोभन सरकार के शिष्य स्वामी ओम ने इससे भी बड़े खजाने का 'पता' बता दिया है. उन्होंने दावा किया है कि फतेहपुर जिले के आदमपुर गांव में रींवा नरेश के किले के पास 2500 टन सोना दबा है. उनके दावे के बाद फतेहपुर में भी स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया है.