उत्तर प्रदेश में नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के आते ही प्रशासनिक अमले में काफी हलचल देखने को मिल रही है. सीएम योगी राज्य में अपराध के बढ़े ग्राफ को लेकर पुलिस पर भी सख्ती दिखा रहे हैं. हालांकि इस बीच यूपी पुलिस के अधिकारी हिमांशु कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया है.
इस आईपीएस अधिकारी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बुधवार सुबह ट्वीट किया, 'यहां यादव सरनेम वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड या लाइन हाजिर करने की वरिष्ठ अधिकारियों में होड़ मची है.'
इसके साथ उन्होंने सवाल किया कि आखिर डीजीपी ऑफिस क्यों अधिकारियों को जाति के नाम लोगों को दंडित करने पर विवश कर रहा है?
@brajeshlive @cmofficeup Why is DGP office forcing officers to punish people in the name of caste?
— Himanshu Kumar IPS (@Himanshu_IPS) 22 March 2017
कुमार के इस बगावती ट्वीट ने तुरंत ही लोगों का ध्यान खींचा और कई लोगों ने इस रीट्वीट करना शुरू कर दिया. बृजेश नाम के एक यूजर ने उनके इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि आईपीएस हिमांशु ने डीजीपी ऑफिस के खिलाफ आरोप लगाकर कर एक आईपीएस अधिकारी और यूपी पुलिस के सिस्टम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
IPS @Himanshu_IPS alleged DGP office open war between an IPS officer and system of @Uppolice https://t.co/zfvixollOz
— Brajesh Misra (@brajeshlive) 22 March 2017
हालांकि विवाद बढ़ता देख पुलिस अधिकारी ने अपना ट्वीट हटा लिया और लिखा कि कुछ लोगों ने उनके ट्वीट को गलत अर्थों में ले लिया और वह सरकार की पहल का समर्थन करते हैं.
Some people have misunderstood my tweet. I support the initiative of the Government.
— Himanshu Kumar IPS (@Himanshu_IPS) 22 March 2017
इसके साथ हिमांशु ने लिखा है कि मेरा भी कई बार तबादला किया. मैंने दवाब डाले जाने के बावजूद हमेशा ईमानदारी और निडर होकर काम किया.