आम आदमी पार्टी (AAP) ने राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में घोटाले के बाद अब उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्रालय पर घोटाले का आरोप लगाया है. यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने रविवार को भारत सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन में 30 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है.
आप पार्टी ने आरोप लगाया है कि जल शक्ति मंत्रालय ने उस कंपनी को परियोजना के तहत पाइप सप्लाई का टेंडर दे दिया जो देश के तमाम राज्यों में ब्लैक लिस्टेड है. सेना ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है और केंद्रीय जांच एजेंसी ने कंपनी को फर्जी कंपनी तक करार दिया है.
भारत सरकार ने बुंदेलखंड समेत उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में लोगों को पीने के लिए साफ पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन की शुरुआत की है. मिशन में 1 लाख 20 हजार करोड़ के बजट से पाइपलाइन बिछाई जा रही हैं. 1 लाख 20,000 करोड़ के बजट में 60 हजार करोड़ भारत सरकार को देना है और 60,000 करोड़ राज्य सरकार को देना है. इस भारी-भरकम बजट के तहत 3 सालों में प्रदेश के तमाम घरों में पाइपलाइन बिछाकर स्वच्छ जल आपूर्ति की योजना लागू की गई.
'जिसे टेंडर दिया वो दागी कंपनी'
अब आम आदमी पार्टी ने रविवार को लोगों को स्वच्छ पानी मुहैया कराने की योजना में घोटाले का आरोप लगाया है. राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस योजना के तहत कोलकाता की दागी कंपनी रश्मि मेटालिक्स प्राइवेट लिमिटेड को डीआई पाइप सप्लाई करने का काम दिया गया. रश्मि मेटालिक्स वह कंपनी है जिसके पाइप की खराब गुणवत्ता के चलते देश के तमाम राज्यों ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है.
संजय सिंह का आरोप है कि इस दागी कंपनी को ओडिशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ भारतीय सेना ने भी ब्लैक लिस्ट कर रखा है.
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इसके साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसी सेंट्रल इकोनामिक इंटेलिजेंस ब्यूरो ने कोलकाता की रश्मि मेटेलिक्स को बोगस यानी फर्जी इंवेस्टमेंट कंपनी बताया. संजय सिंह का आरोप है मोटे कमीशन के लिए ही उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह और उनके अफसरों ने अफसरों को चिट्ठी लिखकर रश्मि मेटेलिक्स के पाइप खरीदने का आदेश जारी किया.
1 लाख 20 हज़ार करोड़ की जल जीवन मिशन योजना में हज़ारों करोड़ का महाघोटाला।आदित्यनाथ जी के करीबी मंत्री डॉ.महेन्द्र सिंह ने 8 राज्यों में Rejected कम्पनी को दिया हज़ारों करोड़ की पाइप सप्लाई का ठेका, मानक से 40% अधिक रेट पर कराया जल आपूर्ति से जुड़ा टेंडर। pic.twitter.com/KbHxM6QqT4
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) August 8, 2021
यूपी प्रभारी संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि देश के तमाम अन्य राज्यों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के अफसरों ने भी इस कंपनी के पाइप को घटिया क्वालिटी और कम गुणवत्ता वाला बताया है. मिशन के अधिशासी निदेशक अखंड प्रताप सिंह के आदेश पर एडीएम झांसी ने बीते महीने ही जांच के बाद रश्मि मेटालिक्स केबीआई पाइप प्रयोग में नहीं लाने लायक बताया. 1 साल पहले जल निगम के चीफ इंजीनियर ने पत्र लिखकर प्रदेश के सभी चीफ इंजीनियर को रश्मि मेटेलिक्स के सप्लाई पाइप को घटिया बताया था और प्रयोग में नहीं लाने के लिए आदेश दिया था.
'थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन में भी घोटाला'
दागी कंपनी को पाइप सप्लाई का ठेका देने के पीछे कमीशन खोरी के साथ-साथ सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन में भी हजार करोड़ का घोटाला हुआ है. सेंट्रल गाइडलाइन के अनुसार किसी भी प्रोजेक्ट का थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन प्रोजेक्ट की लागत से 0.4% से अधिक नहीं होगा. लेकिन भारत सरकार की इस परियोजना में थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन की लागत 1.33% हुई. यानी जिस थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन को 400-500 करोड़ के बीच में होना चाहिए था उसको करवाने के लिए लगभग 1500 करोड़ खर्च किए गए.
इतना ही नहीं संजय सिंह ने आरोप लगाया कि पूरे प्रोजेक्ट में 30 से 40 फीसदी ओवर टेंडरिंग की गई. जिस काम को जल निगम 1,580 रुपये में पूरा करता है उसी काम को जल शक्ति मंत्रालय ने टेंडर देकर 2,065 रुपये में करवाया है.
आप पार्टी नेता संजय सिंह ने जल शक्ति मंत्रालय में हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की है और साफ कहा कि अगर 15 दिन में उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वह कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे.