देश का बंटवारा हुए आज 75 साल हो चुके हैं, लेकिन बंटवारे के बाद भी सरकारी दस्तावेजों (Government Documents) में यूपी के कानपुर देहात (UP Kanpur Dehat) में पड़ी करोड़ों की जमीन आज भी 12 से ज्यादा पाकिस्तानियों के नाम दर्ज है. अरसे से उनके नाम ही जमीनें दर्ज होती चली आ रही हैं. जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात (UP Kanpur Dehat) में अकबरपुर तहसील के बारा गांव की जमीनों पर राजस्व विभाग द्वारा जारी की जाने वाली खतौनी संख्या 172 क, 1427, 1429, 1459घ, 1465, 1466, 1039, 1109, 1428 में शराफत अली, असलम खां, नियाज अहमद खां, शराफत अली खां, जमील अहमद खां, अशर्फुनिशा बेवा, पानबीबी, खालिका अहमद खां, मो. अहमद खां, लतीफ अहमद खां के नाम है और इन सभी का निवास पाकिस्तान लिखा हुआ है.
इस संबंध में गांव के बुजुर्गों ने बताया कि खतौनी में पाकिस्तानियों (Pakistanis) के नाम बरसों से ऐसे ही दर्ज होते चले आ रहे हैं. ये लोग पीढ़ियों पहले यहां रहते थे. देश के बंटवारे के बाद वह सभी पाकिस्तान जा बसे थे. उन्होंने कहा कि बंटवारे के बाद उनका यहां आना-जाना नहीं हुआ. हो सकता है कि अब कोई जीवित भी न हो. उनकी जमीनें यहां पड़ी हैं या लोगों ने उन पर कब्जा कर लिया है. यहां जमीनों के दाम बहुत ज्यादा हैं.
खतौनी में अगर पाकिस्तान है तो इसकी जांच होगीः जिलाधिकारी
वहीं जिलाधिकारी नेहा जैन ने बताया कि हमारे देश में शत्रु संपत्ति का बहुत ही लॉस है. इनका प्रेक्षण कराया जाता है. कुछ खतौनी में वहां के कास्तकार के आगे पाकिस्तान लिखा है. इसमें हम लोग लेखपालों से जांच करवा रहे हैं. अगर कोई भारत में रह रहा है, उसकी भी जांच की जा रही है. जो लोग देश छोड़कर चले गए हैं, उनकी संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज करवाई जाएगी. अब तक खतौनी में अगर पाकिस्तान लिखा चला आ रहा है तो इसकी जांच करवाई जाएगी. जांच में जो दोषी होगा, उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
रिपोर्टः सूरज सिंह