
एक तरफ जहां कृषि कानून को लेकर पिछले कई महीनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है. वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है. खाद न मिलने की वजह से सूबे के अन्नदाता काफी परेशान हैं और हालात यह है कि कई कई दिनों तक लाइन में लगने के बाद भी किसानों को जरूरत के मुताबिक खाद मुहैया नहीं हो पा रही है. हाल ही में बुंदेलखंड के ललितपुर में खाद के लिए लाइन में लगे एक किसान की मौत भी हो चुकी है और किसान की इस मौत के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से गहमागहमी का दौर है.कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ललितपुर जाकर मृतक किसान के परिजनों से मुलाकात भी की है.
इटावा, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, एटा, बांदा, मैनपुरी, कन्नौज, हमीरपुर, ललितपुर और हाथरस सहित तमाम जिलों में खाद के लिए किसान दर-दर भटक रहे हैं. खाद न मिलने की वजह से एक तरफ जहां फसलों की बुआई में देरी हो रही है. वहीं, उनकी पहले से उगाई गई फसलों का नुकसान हो रहा है और किसानों को अब इस बात की चिंता सता रही है कि यही हालात रहे तो जब फसल की अच्छी पैदावार नहीं होगी. हाथ की कमी की वजह से अगर उनकी फसल का नुकसान होगा तो आने वाले दिनों में उन्हें भुखमरी कि हालात से भी गुजरना पड़ सकता है. 'आजतक' की टीम ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में खाद की किल्लत को लेकर बने हुए हालात का जायजा लिया.
एटा में खाद के लिए चक्कर काट रहे किसान
एटा में यूरिया डीएपी खाद की किल्लत से किसान चक्कर काटने को मजबूर है. एटा मंडी के इफको किसान सेवा केंद्र पर खाद की सप्लाई कम होने के कारण किसानों की लंबी लंबी लाइन लग जाती है. जिसके कारण किसानों में धक्का मुक्की देखना आम बात है. किसानों का आरोप है कि पिछले 15 दिन पहले तो खाद की जबरदस्त किल्लत थी. जिसके कारण किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा था.हालांकि स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन अभी भी खाद किसानों को आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रही है. यहां पर किसान उर्वरक केंद्रों पर सुबह से ही लाइन में लग जा रहे हैं. ताकि उन्हें जरूरत के मुताबिक खाद मिल जाए.किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि खाद की किल्लत को जल्द से जल्द दूर की जाए, जिससे रबी की फसल की बुआई हो सके. अगर खाद किसानों को नहीं मिली तो बहुत नुकसान होने की संभावना है.
पीलीभीत में नही मिल रही खाद, किसान परेशान
इन दिनों खाद की किल्लत से पीलीभीत के किसान काफी परेशान हैं. गेहूं रोपाई करने के लिए अब तक अन्नदाताओं को जरूरत के मुताबिक खाद नहीं मिल रही है. सहकारी समितियों पर दो दिन लगातार खाद का वितरण किया गया. लेकिन छोटे किसानों को खाद नहीं मिल सकी,किसान सेवा केंद्रों पर लंबी लंबी लाइने लगी है.अब खाद का स्टाक होने के बावजूद भी किसानों को खाद नहीं दी जा रही है.इससे गुस्साए किसानों ने एकत्र होकर प्रदर्शन कर खाद दिलाने की मांग की है.समस्या का जल्द समाधान न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.जिलाधिकारी पुलकित खरे का कहना है कि DAP की बड़ी खेप एक-दो दिनों में आ जायेगी साथ जिलाधिकारी का दावा है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है. लेकिन जमीनी स्तर पर हालात यह है कि किसानों को खाद के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.
हाथरस खाद की किल्लत से बुआई प्रभावित
गेहूं-आलू-सरसों की फसल बोने के लिए हो रही खाद की किल्लत से यूपी के हाथरस जिले में भी किसान बहुत परेशान है. खाद के लिए यहां भी किसानों की हायतौबा मची है. यहां सादाबाद क्षेत्र में किसानों ने खाद के लिए कृभको केंद्र पर हंगामा काटा. दरअसल इस केंद्र पर खाद लेने आये किसानों का आरोप है कि यहां डीएपी खाद के वितरण में घपला हो रहा था. इस केंद्र पर हंगामे की सूचना पर पुलिस फ़ोर्स के साथ एसडीएम अंजलि गंगवार पंहुची.इसके बाद पुलिस ने किसानों को कतार में लगवाकर खाद का वितरण कराया.इस दौरान किसानों तथा पुलिस में काफी नोंकझोंक भी हुई.उधर जिले के हसायन क्षेत्र के किसानों की शिकायत है कि उन्हें भी खाद नहीं मिल रहा है.यहां किसान कई कई दिन से सहकारी समिति के कार्यालय पर चक्कर काट रहे है.समिति के सचिव का कहना है कि एकाध दिन में ही खाद समिति पर आ जायेगा.
फ़िरोज़ाबाद में डीएपी न मिलने से किसानों को हो रही दिक्कत
सरकार के स्थानीय प्रशासन के लाख दावे के बावजूद भी अभी जनपद फिरोजाबाद में डीएपी की भारी किल्लत है. जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने किसानों से अपील की कि वे धैर्य बनाए रखें जल्दी ही डीएपी उपलब्ध हो जाएगी. वहीं आज इसका राजनीतिकरण भी शुरू हो गया. डीएपी खाद को लेकर साधन सहकारी समिति मठसेना केंद्र पर डीएपी खाद ना मिलने की वजह से किसान परेशान हैं,किसानों का आरोप था कि खाद 1 दिन आई और रातों-रात बट गई पता ही नहीं चला, जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के एमएलसी दिलीप यादव और जिला अध्यक्ष रमेश चंद चंचल के नेतृत्व में साधन सहकारी समिति के सामने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और नेताओं ने धरना प्रदर्शन किया और बताया कि जिस तरह से डीएपी खाद की कालाबाजारी हो रही है. किसान बहुत परेशान है हम उन लोगों के खिलाफ थाने में तहरीर देंगे जिन्होंने डीएपी खाद की कालाबाजारी की है और उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज होगा. अगर फिर भी किसानों की समस्या का समाधान नहीं हुआ.तो फिर सिविल लाइन परिसर में बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
फर्रुखाबाद में आलू के किसान बेहाल
आलू की फसल के लिए खेतों को तैयार करने का समय है और किसान अपने खेतों को फसल की तैयारी में जुटा है.लेकिन किसान के सामने सबसे बडी समस्या खाद आपूर्ति की है.किसान को समय पर एनपीके खाद उपलब्ध नही हो पा रही.पीसीएफ के गोदामो पर खाद कहा भंडार है लेकिन खाद क्रय केंद्रों तक समय से नही पहुच रही है.जिस कारण से किसानों को खाद समय से उपलब्ध नही हो पा रही है.उर्वरक केन्द्रो पर आए किसानों ने बताया कि इस समय खेतो में आलू बुवाई का समय है.लेकिन खाद समय पर नही मिल पा रही है. जिस के से फसल बुवाई में देरी हो रही है.वहीं केंद्र संचालको का कहना है कि हमको गोदाम से जितना स्टॉक मिल पा रहा है,वह हम दिन प्रति दिन बांट रहे है.गोदाम से स्टॉक आने में देरी हो रही है जिस कारण से किसानों को खाद के लिए दिक्कत पैदा हो रही है.हालांकि आला अधिकारियों की कड़ाई के बाद खाद गोदामो से केंद्रों तक भेजने में तेज़ी आई है.फरुखाबाद में फसल की बुवाई के लिए किसानों ने अपने खेत तैयार कर लिए हैं.लेकिन खाद की कमी के चलते हैं फसल बुवाई में देरी हो रही है और किसान खाद लेने के लिए सुबह होते ही खाद क्रय केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइनों में लग जाते हैं लेकिन शाम होते तक खाद न मिल पाने के कारण मायूस होकर किसान वापस अपने घर चले जाते हैं.
ललितपुर में बरकरार है खाद की किल्लत
बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में पिछले 10 दिनों से अधिक समय से खाद को लेकर किसान परेशान है. हजारों किसानों द्वारा लगातार सड़को पर उतरकर प्रदर्शन और हंगामा किया.वहीं जिले के 4 किसानों की कथित तौर पर खाद के चलते मौत की घटनाएं भी सामने आई.जिले में खाद की कालाबाजारी और खाद न मिलने की समस्या को लेकर किसानों द्वारा लगातार आलाधिकारियों से शिकायत की गई.लेकिन लापरवाह अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया और बाद में बारिश हो जाने के चलते किसानों की भीड़ खाद के लिये खाद की दुकानों पर एकत्रित हो गयी थी. जिसकी वजह से खाद की किल्लत ने जिले में विकराल रूप धारण कर लिया. यही नहीं बीजेपी के स्थानीय विधायक और श्रम राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ की भी नीद टैब टूटी जब किसानों ने सड़को पर उतरकर हंगामा शुरू कर दिया था. जिले में व्याप्त खाद की समस्या को देखकर शासन द्वारा खाद की तीन रैक जिले में भेजी गई. अब काफी समय निकल जाने के बाद खाद की समस्या कुछ हद तक ठीक हुई है. लेकिन किसानों को खाद मिलने में अभी भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
खाद की किल्लत से इटावा में किसान परेशान, धरने पर किसान
डीएपी यूरिया की खाद की उपलब्धता न होने से किसान चक्कर काट रहा है.इटावा नई मंडी के इफको किसान सेवा केंद्र पर खाद उपलब्ध नहीं है. किसानों का आरोप है कि पिछले आठ दिन से खाद ना होने की वजह से फसलों का नुकसान हो रहा है.आलू की बुवाई नहीं हो पा रही है सरसों, गेहूं, लहसुन को नुकसान हो रहा है. शहर से दूर 20 से 30 किलोमीटर के बीच के किसान अपने क्षेत्र में खाद ना मिल पाने के कारण शहर के प्रमुख किसानी बाजार स्कोर पर खाद लेने के लिए आए. लेकिन खाद न मिलने की वजह से मायूस हो गए और धरने पर बैठ गए. उनका कहना है कि खाद नहीं मिलेगी तो हमारे खेतों पर बुवाई कैसे हो पाएगी, जिसको 30 बोरी की जरूरत है खाद की उसको एक बोरी भी उपलब्ध नहीं है. कई किसान तो 8 से 10 दिन से लगातार चक्कर काट रहे हैं, एक भी बोरी प्राप्त नहीं हो पाई है.वही विक्रय केंद्र के सहायक प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले तक खाद बांटी गई है अब खाद खत्म हो गई है, जैसे ही खाद की रैक आएगी वैसे ही तुरंत खाद बांटी जाएगी.
उन्नाव में खाद के लिए दर-दर भटक रहे हैं किसान
फसल बुवाई का टाइम आ चुका है लेकिन उन्नाव में किसान डीएपी को लेकर दर-दर भटक रहा है.हालांकि सरकार खाद की उपलब्धता को लेकर दावा तो कर रही है, लेकिन समितियों के हालात कुछ और ही सच्चाई बयां कर रहे हैं. फसल बुवाई के वक्त गोदाम डीपी से खाली पड़े हैं.जहां से किसान मायूस होकर वापस लौट रहा है.किसान की मजबूरी भी है कि वह बाजार से ज्यादा कीमत देकर डीएपी खरीदने को मजबूर है.हालांकि उन्नाव जनपद की 6 तहसीलों में से एक या दो तहसीलों में जैसे एक दो ट्रक डीएपी आती हैं. वह तुरंत के तुरंत बंट जाती हैं जिसको लेकर किसानों में काफी रोष है.जबकि इसको लेकर विभागीय लोगों को कहना है कि दीपावली तक डीएपी का संकट ऐसे ही बना रहेगा.
कन्नौज में खाद के संकट से जूझ रहे किसान
जिले में बारिश के बाद किसानों ने खेतों में आलू व सरसों की बुवाई फिर शुरू कर दी है.बार-बार बारिश से खराब हो चुकी फसल के बाद किसान एक बार फिर बीज खरीद कर खेतों में बुवाई का काम करने लगे हैं.आलू की बुवाई के लिए किसानों को अब डीएपी व एनपीके की जरूरत है.किसान समतियों पर दौड़ लगा रहे हैं पर खाद कहीं मुश्किल के साथ मिल रही है तो कहीं खाद स्टॉक में है ही नहीं, जबकि निजी दुकानों पर डीएपी को 13 से 15 सौ रुपए में बेची जा रही है. जिससे किसान मजबूर होकर अधिक दामों में डीएपी खरीद रहे हैं.
मैनपुरी में ब्लैक में डीएपी खरीदने को विवश हैं किसान
मैनपुरी में भी किसान खाद की किल्लत से जूझ रहा है, यहाँ किसानों ने बताया कि DAP मिल नही रही है और मिल भी रही तो ब्लैक में और NPK के साथ और भी चीजे दे रहे हैं.कुछ किसानों ने तो बिना खाद के ही फसल की बुआई घूरे के साथ कर दी.हालांकि जिलाधिकारी मैनपुरी की माने तो जनपद में खाद की किल्लत नही है, जनपद में 1350 मेट्रिक टन डीएपी उर्वरक निजी उर्वरक विक्रेताओं के केंद्र पर उपलब्ध हो गया है. कृषक बंधु अपनी जोत के अनुसार क्रय कर सकते है. साथ ही 1500 मेट्रिक टन डीएपी की खेप और आ रही है.
जालौन में खाद की कमी से किसानों की चिंता बढ़ी
जालौन में खाद की किल्लत को लेकर किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.खाद बिक्री केंद्रों पर किसान चक्कर काटते रहते हैं.लेकिन समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है.कई किसानों का आरोप हैं कि खाद के वितरण में भेदभाव किया जा रहा है.रात भर जागकर लाइन में लगे रहते हैं लेकिन सुबह खाद खत्म हो जाती है.जालौन में किसानों ने बताया कि पिछले कई दिनों से खाद की किल्लत बनी हुई है.ग्रामीणों ने शिकायत में आरोप लगाया कि समिति द्वारा गांव में खाद को उपलब्ध कराने में भेदभाव किया जा रहा है. कर्मचारी अपने चहेतों तो खाद उपलब्ध करा देते हैं.सहकारी समिति खाद वितरण केंद्र पर भी डीएपी खाद के मामले को लेकर किसानों और विभागीय अधिकारियों के बीच नोकझोंक हुई.बाद में पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद किसानों को खाद उपलब्ध हो सका.बुआई सीजन के दौरान डीएपी की मांग बढ़ रही है. बिक्री केंद्रों पर आते ही खाद कुछ ही समय में बिक जा रहा है.ऐसे में आशंका है कि डीएपी खाद की किल्लत के डर से किसानों ने खाद खरीदकर घर रखना शुरू कर दिया है. सरकार का मानना है कि कालाबाजारी करने वालों ने अफवाह फैलाई की प्रदेश में डीएपी खाद की किल्लत है, जबकि प्रदेश में खाद की पर्याप्त मात्रा है.डीएम जालौन प्रियंका निरंजन बताया है कि जनपद में 20 हज़ार मैट्रिकटन ज़रूरत है.जिसके एवज में हमने 13 हज़ार मैट्रिकटन वितरित कर चुके है.बची हुई 7 हज़ार मैट्रिक टन जल्दी ही किसानों को उपलब्ध करा दी जायेगी.
रायबरेली में भी खाद का संकट
सरकार खाद की उपलब्धता के तमाम दावे जरूर कर रही है लेकिन रायबरेली में किसान खाद की समस्या से ग्रसित हैं.धान की फसल के दौरान भी किसानों को ब्लैक में डीएपी खरीदनी पड़ रही थी.अब नवंबर के महीने में यह समस्या और बढ़ जाएगी.कहने के लिए तो सहकारी समितियों में खाद भरी है.लेकिन खाद खरीदने के लिए किसान दर दर भटक रहे हैं और निजी दुकानदार अपने हिसाब से बिक्री कर रहे हैं. खरीफ़ के बाद रवी की खेती की तैयारी में किसान जुटा हुआ है.ऐसे में खाद की किल्लत से रायबरेली के किसानों में मायूसी देखी जा रही है. किसानों का कहना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो समय से बुवाई नहीं हो पाएगी. समय से खाद न मिलने से गेहूं की बुवाई पर प्रभाव पड़ेगा.इस पूरे मामले पर जिला कृषि अधिकारी ने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया है हां बातचीत से उन्होंने यह जरूर बताया कि अक्टूबर की रैक का अभी तक नहीं आई है. लेकिन खाद की रैक चल चुकी है. जल्द ही पहुंच जाएगी खाद की समस्या नहीं होने दी जाएगी किसान हमारे लिए सर्वोपरि है.
बांदा में खाद के लिए किसानों की लंबी लाइन
यूपी के बांदा में 'अन्नदाता' ही खाद के लिए परेशान है, सुबह से उम्मीद लेकर लंबी लाइन लगाने को मजबूर हैं.जैसे केंद्रों में खाद की किल्लत शुरू हो गयी है.कुछ दिन पूर्व हुई बारिश से खेतों में नमी आने से रबी की फसल बुआई के लिए किसानों को डीएपी (DAP) की जरूरत होती है.लेकिन एक हफ्ते से रोजाना चक्कर लगा रहे किसानों को खाद नही मिल पा रही.सुबह से ही दूर दराज से किसान खाद लेने के लिए मंडी में पहुँचकर लाइन लगा लेते हैं. किसानों का आरोप है कि एक हफ्ते से कागज जमा करने के बाद भी अभी तक तक खाद नही मिली है, न मिलने पर किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया.वहीं कृषि विभाग का कहना है कि खाद की कोई कमी नही है, सभी सेंटरो में पर्याप्त खाद उपलब्ध है.जिले में पैलानी, बबेरू व कमासिन में ज्यादातर किसान परेशान हैं. रबी की फसल बुआई के लिए डीएपी की आवश्यकता होती है. किसानों का आरोप है कि खाद के लिए एक हफ्ते से को- ऑपरेटिव और एग्रो के चक्कर लगा रहे हैं.सुबह से लाइन में लगाने को मजबूर हैं फिर भी खाद नही मिल पा रही.वहीं जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि खाद की बिल्कुल समस्या नही है, पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है और रैक मंगवाने का ऑर्डर शासन को भेज दिया गया है.
महोबा और हमीरपुर में खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान
बुन्देलखण्ड के हमीरपुर और महोबा जिलो में खाद के लिये जबरदस्त मारा मारी मची हुई है. इस इलाके में किसान सुबह से ही खाद लेने के लिये लाइन में लग जाते है और शाम को खाद ना मिलने से मायूस हो कर वापस लौट जा रहे है. इसी से नाराज हों कर किसानों ने महोबा और हमीरपुर जिलो में हाइवे में जाम लगा दिया था. तब महोबा में एसडीएम सदर राकेश कुमार ने मौके पर पहुच कर खाद दिलवाने के आश्वासन दे कर जाम खुलवाया है.हमीरपुर जिले के मौदहा कस्बे में भी खाद ना मिलने से परेशान किसानों ने नेशनल हाइवे में जाम लगा दिया.मौके पर पहुंची पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया.हमीरपुर जिले में खाद की भारी किल्लत को देखते हुये बांदा के मंडल आयुक्त दिनेश कुमार सिंह ने भी हमीरपुर का दौरा कर किसानों को खाद उपलब्ध कराने के कड़े आदेश जारी किये है पर खाद वितरण में कोई सुधार नही आया है.
चित्रकूट में खाद न मिलने से किसान बेहाल
चित्रकूट के किसान इन दिनों जिले में खाद की अनउपलब्धता की वजह से खासे परेशान हैं. जिले के किसी भी खाद विक्रय केंद्र में डी ए पी उपलब्ध नहीं है और किसान केंद्रों के चक्कर काट काट कर थक चुके हैं.बड़ी संख्या में किसानों द्वारा हर केंद्रों में डीएपी की उपलब्धता पूछने से परेशान हो चुके केंद्र संचालकों ने वहां पर डीएपी उपलब्ध नहीं है कि नोटिस चस्पा कर रखी है. किसानों का कहना है कि डी ए पी उपलब्ध ना होने की वजह वह चना और मसूर की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं और समय निकलता जा रहा है.अगर कुछ दिन और बुवाई नहीं हुई तो उसके बाद की गई बुवाई से अच्छी पैदावार नहीं मिलेगी.
(एटा से देवेश, पीलीभीत से सौरभ,हाथरस से राजेश, फिरोजाबाद से सुधीर, फरुखाबाद से फ़िरोज़, ललितपुर से मनीष, इटावा से अमित, उन्नाव से विशाल, कन्नौज से नीरज, मैनपुरी से पुष्पेंद्र, जालौन से अलीम,रायबरेली से शैलेन्द्र, बांदा से सिंद्धार्थ, चित्रकूट से संतोष बंसल और हमीरपुर से नाहिद अंसारी के इनपुट के साथ)