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UP: मथुरा में हेरिटेज सिटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार, आस्था और आधुनिकता का संगम होगा नगर

यमुना प्राधिकरण में मथुरा से सटे वृंदावन के पास हेरिटेज सिटी बनाने की योजना बनाई गई थी. इस हेरिटेज सिटी के लिए 9350 हेक्टेयर जमीन का चयन किया गया था. पहले चरण में 731 हेक्टेयर में टूरिज्म, 2110 हेक्टेयर में रिवरफ्रंट विकसित करने की योजना है.

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यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे मथुरा में बसेगी कृष्ण नगरी. (सांकेतिक तस्वीर)
यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे मथुरा में बसेगी कृष्ण नगरी. (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लाइट एंड साउंड शो के जरिए कृष्ण लीला
  • हेरिटेज सिटी के लिए 9350 हेक्टेयर जमीन का चयन
  • बृज की संस्कृति को दिखाने पर खासा ज़ोर

उत्तर प्रदेश में यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे विकसित होने वाली हेरिटेज सिटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट अब तैयार हो चुकी है. मथुरा के नए शहर में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ बृज की संस्कृति को दिखाने पर खासा ज़ोर दिया गया है.  यहां ऋषि-मुनियों के आश्रम, गांव नदी, हॉट सब के सब नजर आएंगे. इसके अलावा होटल, रिजॉर्ट ग्रीन वेलनेस सेंटर और एडवेंचर को प्राथमिकता दी जा रही है. इस शहर की ड्राफ्ट रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन को भेजी जा रही है. 

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यमुना प्राधिकरण में मथुरा से सटे वृंदावन के पास हेरिटेज सिटी बनाने की योजना बनाई गई थी. इस हेरिटेज सिटी के लिए 9350 हेक्टेयर जमीन का चयन किया गया था. पहले चरण में 731 हेक्टेयर में टूरिज्म, 2110 हेक्टेयर में रिवरफ्रंट विकसित करने की योजना है. इसकी डीपीआर अमेरिकन कंपनी सीबीआरआई ने तैयार की है. कंपनी ने ड्राफ्ट रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण को सौंप दी है. रिपोर्ट बनाते वक्त कंपनी ने वियतनाम और मलेशिया के शहरों का अध्ययन भी किया है. 


कंपनी ने मलेशिया और वियतनाम के बेहतर अनुभवों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है. इसके अलावा मथुरा वृंदावन के मंदिर के ट्रस्ट, ब्रज विकास परिषद के साथ भी कंपनी ने चर्चा की है. ड्राफ्ट रिपोर्ट में बताया गया है कि इलाके में होटल और रिसॉर्ट की मांग अधिक है. इसलिए राया सिटी के आसपास होटल और रिसॉर्ट बनाए जाएंगे. वैलनेस सेंटर, एडवेंचरस रिसोर्ट को भी विकसित किया जाएगा ताकि यहां आने वालों को हर तरह का अनुभव हो सके. राया हेरिटेज सिटी में सबसे पहले पर्यटन जोन और रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा.  

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सबसे खास बात यह है कि कंपनी ने द्वापर कालीन इतिहास को भी अपनी रिपोर्ट में दर्शाया है. यहां पर लाइट एंड साउंड शो के जरिए कृष्ण लीला को दिखाने का भी इंतजाम किया जाएगा. श्रीमद्भागवत गीता के वचन के लिए अलग-अलग केंद्र बनाए जाएंगे. खास बात यह है कि इस इलाके के अध्यात्म को सहेजने के लिए म्यूजियम तैयार किया जाएगा ताकि नई पीढ़ी के लोग इतिहास से रूबरू हो सकें. सीबीआरआई कंपनी ने अपनी रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण के हवाले कर दी है अब यह रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन को भेजी जा रही है. 

 

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