उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टिड्डी दल पर नियंत्रण करने के लिए सीमावर्ती जनपदों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. इसमें झांसी, ललितपुर, आगरा, मथुरा, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, इटावा, कानपुर देहात व अन्य जनपद शामिल हैं. टिड्डियों के आक्रमण करने की स्थिति में एक साथ इकट्ठा होकर ढोल, नगाड़े, टीन के डब्बे, थालियां बजाते हुए शोर मचाने की एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है.
मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री ने समीक्षा कर संबंधित जिलों के डीएम एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को टिड्डी दल से बचाव के लिए उचित कार्रवाई करने को कहा है. आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की व्यवस्था के अनुसार डीएम को कोषागार नियम-27 के तहत संसाधनों की व्यवस्था के लिए धनराशि व्यय करने के निर्देश दिए गए हैं.
प्रदेश स्तर पर टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए नियंत्रण कक्ष और टीमों का गठन किया जा चुका है, जो टिड्डी दलों के प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में भ्रमण एवं उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखकर संबंधित जिलों को आवश्यक सुरक्षात्मक निर्देश जारी कर रहा है.
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जिला मुख्यालयों पर इसके लिए नोडल अधिकारी, टास्क फोर्स एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश के क्रम में जनपदों में भी गठन की कार्रवाई की जा चुकी है. टिड्डी के प्रकोप उनसे बचाव और सावधानियों से संबंधित विस्तृत जानकारी विषयक एक फोल्डर तैयार कर प्रदेश के सभी जनपदों के विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध करा दिया गया है. साथ ही इसे किसानों एवं जन सामान्य को भी उपलब्ध कराया गया है.
टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों सहित समस्त क्षेत्रीय कार्मिकों और सोशल मीडिया के माध्यम से त्वरित ढंग से कृषकों तक पहुंचाने के लिए संबंधित जनपदों को निर्देश दिए गए हैं.