हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड में फिर एक खुलासा हुआ है. पुलिस का कहना है कि हत्यारों ने वारदात को अंजाम देने के लिए महीनों पहले हुलिया बदल दिया था. साल 2015 में कमलेश तिवारी ने पैगंबर साहब पर जो विवादित बयान दिया था उसी बयान के बाद सोशल मीडिया पर कुछ कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ मौत का फतवा जारी कर दिया था.
इस मामले में एटीएस नागपुर ने सैयद आसिम अली नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था. एजेंसियों की जांच में सैयद आसिम अली के कई वीडियो यूट्यूब पर मिले हैं. एक वीडियो में सैयद आसिम अली ने कहा था, 'कमलेश तिवारी अपनी मौत के करीब है, गुस्ताखी की सजा मौत है.'
सुन्नी यूथ ब्रिगेड नाम का संगठन चलाता है
सैयद आसिम अली 'सुन्नी यूथ ब्रिगेड' नाम का संगठन चलाता है, यूट्यूब पर आसिम अली के कई वीडियो हैं, जिसमें हिंदू नेताओं, आरएसएस और बीजेपी को लेकर टिप्पणी की गई है. दरअसल, कमलेश तिवारी ने जेल से छूटने के बाद फिर भड़काऊ बयान देते हुए पैगंबर साहब पर फिल्म बनाने का बयान दिया था. इसी बयान को सुनाते हुए सैयद आसिम अली साफ-साफ कहता सुनाई दे रहा है कि फिल्म बनाने वाले कमलेश फिल्म के डायरेक्टर और फिल्म से जुड़े तमाम लोगों को सुन्नी यूथ विंग के मुजाहिदीन सबक सिखा देंगे.
यूट्यूब पर आसिम ने डाला था वीडियो
कमलेश तिवारी हत्याकांड की जांच में जुटी एजेंसियों ने खुलासा किया है कि सैयद आसिम अली ने कमलेश तिवारी की हत्या में सबसे अहम भूमिका निभाई है. एटीएस के मुताबिक, सैयद आसिम अली हत्यारों से हत्याकांड के मास्टरमाइंड से संपर्क में था. यूट्यूब पर सैयद आसिम अली का एक और वीडियो है, जिसमें वो छत्तीसगढ़ के जंगलों में रस्सियों पर लटककर ट्रेनिंग कर रहा है, साथ ही बंदूक चलाते हुए जानवरों का शिकार कर रहा है. यूट्यूब वीडियो का टाइटल है 'वक्त आने पर तुम्हारा भी शिकार करेंगे.'
एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि हत्याकांड में शामिल सभी आरोपी सोशल मीडिया के जरिए आपस में जुड़े थे. गिरफ्तार किसी भी आरोपी का पुराना क्रिमिनल रिकार्ड नहीं है. वारदात को अंजाम देने के लिए अशफाक और मोइनुद्दीन ने अपना हुलिया बदला था. दोनों ने अपनी दाढ़ी कटवाई ताकि वो देखने में हिंदू लगें.
अशफाक
दोस्ती कर जुटाई जानकारी
वहीं, असफाक ने फेसबुक पर रोहित नाम से प्रोफाइल बनाई और कमलेश तिवारी से दोस्ती कर छोटी से छोटी जानकारी हासिल की. एटीएस के मुताबिक, पार्टी जॉइन करने को लेकर पर उनक मीटिंग फिक्स हुई. दोनों हत्यारे दाढ़ी कटवा कर, भगवा चोला और हाथों में कलावा बांधकर लखनऊ कमलेश के घर पहुंचे. फिर मिठाई के डब्बे से असफाक ने बंदूक निकालकर गोली मारी और मोइनुद्दीन ने गला रेत दिया था.
आरोपी मोइनुद्दीन
अभी और खुलासे होने हैं
सूत्रों के मुताबिक, हुलिया बदलने का मकसद हत्यारों का कमलेश के नजदीक पहुंचना था और हत्या के बाद पुलिस को जांच से गुमराह करना था. ऐसा हुआ भी शुरुआत में भगवा कपड़ा पहने 2 आरोपियों को सीसीटीवी में भागते हुए यूपी पुलिस ने देखा और आपसी रंजिश के एंगल पर जांच शुरू की, लेकिन मिठाई के डब्बे और गुजरात एटीएस की सटीक और तेज जांच ने केस का रुख पलट दिया. जांच के दायरे में अब सुन्नी यूथ विंग से जुड़े लोग हैं, जिसका चीफ सैयद आसिम अली है. नागपुर से यूपी पुलिस ने सैयद को ट्रांजिट रिमांड पर लिया है, एटीएस का दावा है कि जांच में अभी कई बड़े खुलासे होने वाले हैं.