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मेरठ पुलिस ने फुटेज के जरिए की हिंसा करने वाले 3 की पहचान, PFI से हो सकते हैं लिंक

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ मेरठ में हुई हिंसा को लेकर मेरठ पुलिस का कहना है कि पीएफआई और एसडीपीआई का हाथ है. अब तक चार लोग जेल जा चुके हैं. पुलिस पर गोली चलाने के आरोपी भी PFI से जुड़े हुए हैं.

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सांकेतिक तस्वीर (फोटो-AP)
सांकेतिक तस्वीर (फोटो-AP)

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  • पुलिस पर गोली चलाने के आरोपियों का PFI से लिंक
  • छानबीन के बाद 3 आरोपियों की पहचान कर ली गई
  • अब तक चार लोगों को जेल भेज दिया गयाः पुलिस

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन के दौरान जमकर हिंसा हुई थी और कई जगहों पर तोड़फोड़ भी की गई. प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन करने वालों की धरपकड़ तेज कर दी और कई जगहों पर आरोपियों के स्केच जारी कर उन्हें तलाश किया जा रहा है. इस बीच मेरठ पुलिस का कहना है कि 25 दिसंबर को जारी वीडियो फुटेज में फायरिंग करने वालों में से 3 की पहचान कर ली गई है.

मेरठ पुलिस का कहना है कि मेरठ हिंसा में भी पीएफआई और एसडीपीआई का हाथ है. अब तक चार लोग जेल जा चुके हैं. पुलिस पर गोली चलाने के आरोपी भी PFI से जुड़े हुए हैं.

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बीते 25 दिसंबर को मेरठ पुलिस ने वीडियो जारी किया था जिसमें कुछ युवक पुलिस के ऊपर गोली चला रहे हैं. पुलिस का दावा है कि छानबीन के बाद इन 3 आरोपी युवकों की पहचान कर ली गई है और इन पर कल मेरठ पुलिस ने 20-20 हजार रुपये का इनाम भी रखा था. इसी कड़ी में आज गुरुवार को मेरठ पुलिस का कहना है कि यह तीनों युवक पीएफआई से जुड़े हैं.

और भी नाम होने के आसारः पुलिस

इन तीनों आरोपी युवकों की पहचान अनीस, फैसल और नईम के रूप में हुई है. हालांकि पुलिस का कहना है कि इनके और भी नाम हो सकते हैं फिलहाल पुलिस इनको तलाशने में लगी है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंसा के मास्टरमाइंड के रूप में पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठन के नाम सामने आए हैं. मेरठ पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष समेत अब तक इन दोनों संगठनों के चार लोगों को जेल भेज दिया है.

इसके बाद एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन करके इन संगठनों के और सदस्यों को खंगाला जा रहा है. माना जा रहा है कि इस संगठन से जुड़े कई और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियां की जाएंगी.

दरअसल, 20 दिसंबर को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मेरठ भी हिंसा की चपेट में आ गया था. उपद्रवियों ने शहर को आग लगाने की कोशिश की, इसी हिंसा के दौरान 5 लोगों की मौत भी हो गई.

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पीएफआई से जुड़े लोग शामिल

पुलिस की जांच में कई खुलासे भी हुए जिसके बाद मेरठ में हिंसा की साजिश रचने वाले लोगों का नाम भी सामने आ गया है. प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ताओं की कारगुजारियां सामने आई है.

पुलिस अधिकारियों की मानें तो इन्हीं संगठनों के पदाधिकारियों ने लोगों को उकसाने का काम किया. उनके बीच आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री बांटी गई जिससे लोग आक्रोशित हो गए और सड़कों पर उतर कर हिंसक बन गए.

पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष नूर हसन और उसके ड्राइवर अब्दुल मुईद हासमी को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले पुलिस ने पीएफआई के 2 सदस्यों को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.

इन सभी आरोपियों पर भड़काऊ सामग्री तैयार करने और उसे लोगों के बीच बांटने का आरोप लगा है. प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो एसडीपीआई, पीएफआई, सिमी समेत करीब ऐसे 14 संगठनों पर नजर रखी गई है. अभी तक मेरठ के नौचंदी और लिसाड़ी गेट क्षेत्र से ही चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है.

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