उत्तर प्रदेश में हुए खनन घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का शिकंजा कसता जा रहा है. सीबीआई ने दो और केस दर्ज किए हैं. सीबीआई ने खनन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव जीवेश नंदन, तत्कालीन विशेष सचिव संतोष कुमार, बुलंदशहर के डीएम अभय सिंह और देवरिया के पूर्व डीएम विवेक कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया है.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, खनन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव जीवेश नंदन के आदेश पर 25 जिलों के डीएम को शासनादेश भेजा गया था. शासनादेश के चलते जिलों के डीएम ने पट्टा जारी किया था. जीवेश नंदन अभी भारत सरकार में तैनात हैं. खनन घोटाले में अब तक सीबीआई ने तीन मामले दर्ज किए हैं. पांच आईएएस अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है. इतने अधिकारियों पर शिकंजा कसने के बाद नजरें सीबीआई के अगले कदम पर टिक गई हैं. बता दें, जिन अफसरों पर छापे पड़े हैं, सभी ने तब पट्टे बांटे थे, जब अखिलेश यादव के पास खनन मंत्रालय था. इससे अखिलेश यादव की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
अवैध खनन का मामला 2012 से 2016 के बीच का है, उस वक्त राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. तब खनन मंत्रालय का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही संभाल रहे थे. ऐसे में उनपर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं. सूत्रों की मानें तो 2012 और 2016 के बीच कुल 22 टेंडर पास किए गए थे, जो विवाद में आए. इन 22 में से 14 टेंडर तब पास किए गए थे, जब खनन मंत्रालय अखिलेश यादव के पास ही था. बाकी के मामले गायत्री प्रजापति के कार्यकाल के हैं.
इसी मामले में सीबीआई ने बुधवार को छापेमारी की. ये छापे बुलंदशहर के जिलाधिकारी (डीएम) अभय कुमार सिंह के निवास पर मारे गए. खनन मामले में अभय कुमार सिंह भी रडार पर थे, ऐसे में सीबीआई ने अब कार्रवाई की है. बुधवार को सीबीआई ने बुलंदशहर, लखनऊ, फतेहपुर, आजमगढ़, इलाहाबाद, नोएडा, गोरखपुर, देवरिया में छापेमारी की. इस दौरान सीबीआई ने बुलंदशहर के डीएम अभय सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. उनके अलावा देवरिया के डीएम विवेक के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है.