उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को स्वेटर मिलने में देरी होने के मामले में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल ने एक अनोखा फैसला किया है. मंत्री के मुताबिक सरकार ने अपने वादे के मुताबिक बच्चों को जूते-मोजे तो मुहैया करा दिए, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से स्वेटर मिलने में देरी हो रही है. यह सब देखते हुए मंत्री अनुपमा जायसवाल ने फैसला किया है कि जब तक बच्चों को स्वेटर मिलने शुरू नहीं होंगे तब तक वो भी स्वेटर नहीं पहनेंगी.
मंत्री ने कहा- योगी सरकार बच्चों के प्रति संवेदनशील
बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के मुताबिक, ऐसा वह सरकार के प्रति किसी विरोध के चलते नहीं कर रही हैं. बल्कि, ऐसा ख्याल उनके मन में एक मां और संवेदनशील नागरिक होने के नाते आया है. उनके मुताबिक यह प्रयास सिर्फ बच्चों को और उनके अभिभावकों को यह समझाने के लिए है कि योगी सरकार बच्चों और उनके प्रति दायित्व को लेकर कितनी संवेदनशील है.
अनुपमा जायसवाल के मुताबिक बहुत जल्द बच्चों को स्वेटर भी मुहैया करा दिए जाएंगे. बहरहाल मंत्री की कोशिश ने अधिकारियों को तेजी से काम करने के लिए प्रेरित जरूर किया है.
अखिलेश ने किया ट्वीट
बता दें, प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को स्वेटर न मिलने से योगी सरकार की चारों तरफ किरकिरी हो रही थी. विपक्ष ने तमाम तरीके के सवाल भी उठाए थे. इसको लेकर मंगलवार को पूर्व सीएम अखिलेश ने भी ट्वीट किया. अखिलेश ने लिखा, ''सरकार बार-बार स्वेटर के टेंडर कैंसल कर रही है और स्कूल के बच्चे सरकार की तरफ़ से दिए जाने वाले स्वेटर का इंतजार. कहीं ऐसा न हो कि इधर बच्चे झूठी उम्मीदों की आग तापते ही रह जाएं और उधर टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते-होते मई-जून आ जाए.''
सरकार बार-बार स्वेटर के टेंडर कैंसल कर रही है और स्कूल के बच्चे सरकार की तरफ़ से दिए जाने वाले स्वेटर का इंतजार. कहीं ऐसा न हो कि इधर बच्चे झूठी उम्मीदों की आग तापते ही रह जाएं और उधर टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते-होते मई-जून आ जाए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 26, 2017
प्राइमरी स्कूलों में होगी अंग्रेजी में पढ़ाई
उत्तर प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए जूते-मोजे, कॉपी-किताबें और स्वेटर बांटने की योजना के बाद बच्चों की कॉन्वेंट एजुकेशन पर जोर देने जा रही है. नई योजना के तहत सरकार ऐसे फार्मूले पर काम कर रही है जिससे आगामी सत्र में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में अंग्रेजी में पढ़ाई कराई जा सके.
इसके लिए पूरा खाका तैयार हो चुका है और एक अप्रैल 2018 से शुरू होने वाले सत्र में उत्तर प्रदेश के 5 हजार स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी में पढ़ाई कराई जाएगी. इसके लिए स्कूलों को भी चिन्हित किया जा चुका है और मौजूदा बेसिक शिक्षकों में से काबिल शिक्षकों को छांटकर उनकी ट्रेनिंग का काम शुरू किया जा चुका है.
उत्तर प्रदेश सरकार की बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल के मुताबिक ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है ताकि जो अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने से कतराते थे क्योंकि वहां अंग्रेजी में पढ़ाई नहीं होती थी. वह भी अब बच्चों को स्कूल भेजने में रुचि लेंगे. इसके लिए हर जिले में ब्लॉक स्तर पर 5 स्कूलों को चिन्हित किया जाएगा और पूरे प्रदेश में 5 हजार स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी.