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UP: मंत्री के भाई EWS कोटे से बने प्रोफेसर, कांग्रेस बोली- लाखों युवा बेरोजगार, कोई नौकरी हड़पकर बैठा

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू' ने बेशिक शिक्षा मंत्री और सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से पूछा है कि क्या वह अपने मंत्री द्वारा किए गए नियम विरुद्ध किए गए कार्य पर कार्रवाई करेंगे. 

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यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री, सतीश द्विवेदी
यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री, सतीश द्विवेदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बेसिक शिक्षा मंत्री, सतीश द्विवेदी की भाई की नौकरी का मामला
  • मंत्री के भाई को EWS कोटे से नौकरी मिली
  • कांग्रेस ने योगी सरकार पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री, सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी को नौकरी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र लिखकर अरुण द्विवेदी के EWS सर्टिफिकेट की जांच कराने की मांग की. वहीं कांग्रेस ने शिक्षा मंत्री और प्रदेश सरकार पर सवाल खड़ा किया है. 

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आपको बता दें कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई डॉ अरुण द्विवेदी को सिद्धार्थ विश्व विद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी मिली है. बताया जा रहा है कि उन्हें EWS कोटे (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी) से नौकरी मिली. वह पहले बनस्थली विद्यापीठ में प्रोफेसर थे. विपक्ष के आरोपों के बाद अब इस पूरे मामले में EWS सर्टिफिकेट पर नौकरी में वरीयता मिलना जांच का विषय हो गया है. नूतन ठाकुर ने EWS सर्टिफिकेट, तथ्यों की गहन जांच की मांग की है. 

उधर उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू' ने बेशिक शिक्षा मंत्री और सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से पूछा है कि क्या वह अपने मंत्री द्वारा किए गए नियम विरुद्ध किए गए कार्य पर कार्रवाई करेंगे. 

कांग्रेस नेता ने मंत्री के भाई की नियुक्ति रद्द करने की मांग की है. साथ ही कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग का प्रमाण पत्र बनवाकर उनको सामान्य कोटे से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर फर्जीवाड़े के साथ नियुक्त किए जाने के मामले में कार्रवाई की जाए. बेसिक शिक्षा मंत्री के संलिप्तता की भी जांच कराने की मांग भी अजय कुमार 'लल्लू' ने की है. 

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अजय लल्लू ने कहा कि आपदा में अवसर बनाकर, गरीब का अधिकार मंत्री के भाई ले गए. आखिर मंत्री के भाई कैसे आर्थिक रूप से कमजोर हो सकते हैं, जो खुद दूसरे विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहे हों. उन्होंने कहा कि आखिर किसकी सिफारिश पर जिला प्रशासन से निर्धन आय वर्ग का प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया, इसकी भी जांच करवाना जरूरी हो गया है. 

कांग्रेस नेता ने कहा कि जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में लाखों युवा बेरोजगार हैं, रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इस आपदा में अवसर तलाशने वाले नौकरी हड़पकर बैठ रहे हैं. लल्लू ने आगे कहा कि यह वही बेसिक शिक्षा मंत्री हैं जिन्होंने पंचायत चुनाव ड्यूटी में कोरोना से जान गंवाने वाले शिक्षकों की संख्या के आंकड़ों में हेराफेरी की थी. 

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