उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले की अदालत ने 20 साल पुराने मामले में मंत्री कैलाश चौरसिया को तीन साल जेल की सजा सुनाई, लेकिन सजा सुनाने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया. चौरसिया अखिलेश सरकार में बाल विकास मंत्री हैं.
चौरसिया के वकील बिहारी सिंह ने बताया, 'मुख्य दंडाधिकारी राजेश भारद्वाज ने एक पोस्टमैन की शिकायत पर दर्ज मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई, लेकिन शनिवार को ही उन्हें निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया.' उनके मुताबिक, कृष्ण देव त्रिपाठी नाम के एक पोस्टमैन ने चौरसिया के खिलाफ 19 अक्टूबर, 1995 को उसके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी. त्रिपाठी ने आरोप लगाया था कि किसी मामले में एक रजिस्ट्री पत्र देने जाने पर चौरसिया ने उनके हाथ से पत्रों का बंडल छीन लिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया.
वकील ने बताया कि मुख्यदंडाधिकारी ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद शनिवार को चौरसिया को तीन साल जेल की सजा सुनाई, लेकिन उनकी याचिका पर उन्हें जमानत दे दी.
-इनपुट भाषा से