उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक प्राइमरी स्कूल के बच्चों को मिड डे मील में नमक-रोटी खिलाने के मामले में पत्रकार पर मुकदमा दर्ज होने के बाद जिला प्रशासन ने सफाई दी है. मिर्जापुर के जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी गांव का प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार है और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भेजा गया है. आरोपी पत्रकार के खिलाफ 120B यानी साजिश में साथ देने का मुकदमा दर्ज किया गया है.
जिलाधिकारी के मुताबिक, वीडियो बनाने के लिए प्रधान प्रतिनिधि ने ही पत्रकार पवन जायसवाल को फोन किया था और फिर वीडियो बनवाया था. प्रशासन के मुताबिक, पत्रकार ने आरोपी प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार की साजिश में शामिल होकर न सिर्फ वीडियो बनाया बल्कि उसे सोशल मीडिया पर वायरल भी किया है. जिलाधिकारी ने कहा कि अगर कानून की बात करें तो पत्रकार की भी गिरफ्तारी की जा सकती है.
इधर, सूबे के उप-मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कानपुर में मामले पर जवाब देते हुए कहा कि कानून के हिसाब से जो सही होगा, वही एक्शन लिया जाएगा. किसी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी. फिलहाल पु्लिस इस मामले में जांच कर रही है, लेकिन जिस तरह से आनन-फानन में स्कूल में मिड डे मील की रिपोर्ट दिखाने के बाद पत्रकार को निशाने पर लिया गया है, उससे साफ है कि पुलिस इस मामले में मीडिया को सच्चाई दिखाने से हर हाल में रोकना चाहती है.
क्या है पूरा मामला
मिर्जापुर के हिनौता के प्राइमरी स्कूल में बच्चे मिड डे मील (दोपहर का भोजन) में नमक के साथ रोटी खाते दिखाई दिए थे. पहले इस मामले को जिलाधिकारी (डीएम) ने शिक्षक और सुपरवाइजर की लापरवाही बताया था. उन्होंने कहा था कि मिड डे मील में लापरवाही बरतने के आरोप में शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया, वहीं सुपरवाइजर से इस मामले में जवाब मांगा गया था.
जांच के दौरान मामले में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. आरोप है कि पत्रकार पवन जायसवाल ने फर्जी तरीके और गलत मंशा से बच्चों के मिड डे मील के वीडियो बनाए. आरोप ये भी था कि पवन ने ये वीडियो गांव के प्रधान प्रतिनिधि के कहने पर बनाए थे.