scorecardresearch
 

केशव मौर्य से लेकर दानिश अंसारी तक... यूपी में इन 7 मंत्रियों का MLC बनना तय, ये है 15 सीटों का गेम प्लान

उत्तर प्रदेश के राज्यसभा चुनाव के बाद अब 13 विधान परिषद सीटों पर चुनाव को लेकर सियासी जोड़तोड़ शुरू हो गई है. बीजेपी से केशव प्रसाद मौर्य से लेकर दानिश आजाद अंसारी सहित योगी सरकार के सात मंत्रियों का एमएलसी बनना लगभग तय माना जा रहा है.

Advertisement
X
योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, दानिश रजा
योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, दानिश रजा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी की 13 एमएलसी सीट पर 20 जून को चुनाव
  • बीजेपी को 9 और सपा को 4 एमएलसी सीटें मिलेंगी
  • योगी सरकार के 5 मंत्री किसी भी सदन के सदस्य नहीं

उत्तर प्रदेश की 13 विधान परिषद सीटों पर 20 जून को होने वाले चुनाव के लिए गुरुवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. विधानसभा के आंकड़े के लिहाज से 9 सीटें बीजेपी और 4 सीटें सपा को मिलनी तय है. ऐसे में एमएलसी चुनाव में सपा की हालत भले ही एक अनार, सौ बीमार वाली हो, लेकिन बीजेपी के सामने अपने सियासी समीकरण साधने का पूरा मौका है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से लेकर अल्पसंख्यक मंत्री दानिश अंसारी तक योगी सरकार के सात मंत्रियों का एमएलसी बनना लगभत तय है. 

Advertisement

सीएम आवास पर कोर कमेटी की बैठक

एमएलसी चुनाव को लेकर गुरुवार को बीजेपी कोर कमेटी की बैठक मुख्यमंत्री आवास 5 कालिदास मार्ग पर हुई. इस बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टीसीएम केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल शामिल हुए. इस दौरान विधानसभा कोटे की एमएलसी के उम्मीदवारों के नामों पर किया विचार-विमर्श करने के साथ-साथ उन छह एमएलसी सीटों पर भी मंथन किया गया, जो राज्यपाल कोटे की मनोनीत सीटें रिक्त हैं. इस तरह बीजेपी को 15 एमएलसी सीटों पर अपने नेताओं को भेजना का मौका है. 

योगी सरकार के 7 मंत्री बनेंगे एमएलसी

योगी सरकार के उन सात मंत्रियों का बीजेपी कोटे से विधान परिषद भेजा जाना तय है, जिनका कार्यकाल खत्म हो रहा है या फिलहाल को भी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं. इस फेहरिस्त सबसे ऊपर नाम डिप्टी सीएम केशव मौर्य और पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी का है, जिनका कार्यकाल 6 जुलाई को खत्म हो रहा है. इसके अलावा 5 वो मंत्री हैं, जो किसी भी सदन के सदस्य नहीं और योगी कैबिनेट गठन के दौरान उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. इस तरह योगी कैबिनेट के दो पुराने और 5 नए चेहरे को विधान परिषद भेजा जाना तय है. 

Advertisement

योगी के पांच मंत्री किसी सदन के सदस्य नहीं

योगी सरकार में शामिल सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप, संसदीय कार्य व औद्योगिक विकास राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी, अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी और आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु फिलहाल विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है. 

ऐसे इन पांच मंत्रियों को अपनी कुर्सी को बचाए रखने के लिए 25 सितंबर 2022 से पहले विधान परिषद या विधानसभा में से किसी भी सदन का सदस्य होना जरूरी है. हालांकि, संभव है कि कुछ मंत्री विधानसभा कोटे के माध्यम से एमएलसी बनाए जाएं और कुछ को नामित कर दिया जाए. वहीं, माना जा रहा है कि सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए एमएलसी शतरुद्र प्रकाश को टिकट दिया जा सकता है. 

यूपी की एमएलसी सीटों पर चुनावी घमासान

उत्तर प्रदेश में कुल 100 विधान परिषद सीटें है, जिनमें से विधानसभा कोटे के 13 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल छह जुलाई को समाप्त हो रहा है जबकि राज्यपाल कोटे की छह मनोनीत एमएलसी सीटें 26 मई को ही रिक्त हो गई हैं. इसके अलावा उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष रहे अहमद हसन के निधन और विधायक बने ठाकुर जयवीर सिंह के एमएलसी पद से त्यागपत्र देने की वजह से दो सीटें पहले से रिक्त है. इस तरह से विधान परिषद में कुल 17 सीटें बन रही है. 

Advertisement

हालांकि, फिलहाल विधानसभा कोटे की 13 एमएलसी सीटों पर 20 जून को चुनाव होने हैं, जिसके लिए नामांकन 2 से 9 जून तक दाखिल किए जाएंगे. 10 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 13 जून तक नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है. 20 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा और उसी दिन शाम 5 बजे से मतगणना होगी. इस तरह नतीजे 20 जून को घोषित कर दिए जाएंगे. ऐसे में एमएलसी चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम पर सपा से लेकर बीजेपी तक में मंथन जारी है. 
 

राज्यपाल कोटे की 6 एमएलसी सीटें रिक्त हैं

बता दें कि विधानसभा कोटे की जिन 13 विधान परिषद सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें से 9 सीटें बीजेपी को और चार सीटें सपा को मिलना तय है. वहीं, राज्यपाल के द्वारा मनोनीत होने वाली सभी 6 सीटें बीजेपी के खाते में जाएगी, क्योंकि सत्ता में रहने वाली पार्टी अपने नेताओं को नामित करती है. ऐसे में योगी सरकार अगले कुछ हफ्तों में अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं को नामित करेगी. 

राज्यपाल कोटे की नामित एमएलसी सीटों के लिए कोई चुनाव की घोषणा नहीं होती है बल्कि सदस्यों के कार्यकाल खत्म होने के बाद सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि उन सीटों के लिए कब कैंडिडेट के नाम का प्रस्ताव पास कर राज्यपाल के पास भेजती है. ऐसे में बीजेपी 2024 के चुनाव को देखते हुए राज्यसभा की तरह एमएलसी के उम्मीदवारों के जरिए सियासी समीकरण साधने की कवायद कर सकती है. 

Advertisement

किस-किसे कोटे से चुने जाते एमएलसी

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सदस्य हैं तो विधान परिषद में 100 सदस्य होते हैं. विधान परिषद के ये 100 सदस्य पांच कोटे से चुने जाते हैं, जिनमें स्थानीय निकाय की 36 सीटें हैं तो 8 सीटें शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की हैं और इतनी ही सीटें यानी आठ स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की है. इसके अलावा 12 एमएलसी राज्यपाल कोटे से मनोनीत होते हैं तो 36 एमएलसी सीटें विधानसभा कोटे से चुनी जाती है. इसमें एक तिहाई सीटें हर दो साल पर रिक्त होती है और फिर चुनाव होते हैं.

 

Advertisement
Advertisement