बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस से संबंध बताकर टिकट दिलाने के नाम पर ठगी के मामले के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का ओएसडी बताकर ठगी का मामला सामने आया है. रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 17 लाख रुपये ठग लिए गए.
मूल रूप से बिहार निवासी सचिन यादव लखनऊ के राजाजीपुरम में रहता है. सचिन खुद को पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह का ओएसडी बताता था. इसी झांसे में आकर मोहनलालगंज जबरौली गांव निवासी अमित कुमार तिवारी, राहुल मिश्र, लवकुश अवस्थी, जयसिंह समेत सात लोगों ने रेलवे में चतुर्थ श्रेणी पद पर नौकरी के नाम पर सचिन यादव को वर्ष 2011 में 17 लाख रुपये दिए थे. रुपये लेने के बाद सचिन ने अमित, जयसिंह और लवकुश को रेलवे का फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करवा दिया. जब तीनों युवक नियुक्ति पत्र लेकर रेलवे कार्यालय पहुंचे तब उन्हें अपने साथ ठगी का पता चला. इसके बाद ठगी का शिकार युवकों ने सचिन ने धनराशि वापस करने का कहा तो उसने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और अपना मोबाइल फोन नंबर बंद कर लिया.
शनिवार को सचिन यादव गोमतीनगर स्थित एक निजी स्कूल के बाहर समाजवादी पार्टी का झंडा लगी अपनी स्कॉर्पियो के साथ खड़ा था. उसकी गाड़ी देखकर अमित तिवारी ने अन्य दोस्तों को बुला लिया. उन्होंने सचिन से अपने रुपये वापस मांगे, न देने पर उन्होंने उसकी पिटाई कर दी और उसे पकडक़र गोमतीनगर थाने ले गए. पीडि़त अमित तिवारी का कहना है कि जालसाज सचिन उसे व अन्य युवकों को वर्ष 2011 में कोलकाता स्थित एक पूर्व रेलमंत्री के घर के बाहर ले गया था. जहां सभी युवकों को रोककर आरोपी रेलमंत्री के घर के अंदर गया था. इसी के बाद बेरोजगार युवक झंसे में आ गए और उसे 17 लाख की धनराशि दे डाली.
अमित तिवारी का कहना है कि वर्ष 2010 में वह लखनऊ के कान्यकुब्ज कॉलेज का छात्र था. तब अमित के गांव के ही एक युवक ने उसकी मुलाकात सचिन यादव से कराई थी. सचिन अपनी सफारी पर लालबत्ती के साथ हूटर लगाकर रौब के साथ चलता था. उसका रुतबा देखकर अमित समेत अन्य बेरोजगार युवक उसके झांसे में आ गए थे.