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Lucknow Nagar Nigam: कहानी संयुक्ता भाटिया की, जो बनीं लखनऊ की पहली महिला मेयर

Uttar Pradesh Nagar Nigam Election 2022: उत्तर प्रदेश में नगर निगम चुनाव का बिगुल बजने वाला है. इससे पहले हम आपको मेयर के बारे में बताएंगे, जो 2017 के नगर निगम के चुनाव में जीते थे. शुरुआत लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया से करते हैं. आइए जानते हैं कि संयुक्ता भाटिया कौन हैं और उनके नाम कौन सा रिकॉर्ड है.

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लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया (File Photo)
लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया (File Photo)

उत्तर प्रदेश में नगर निगम चुनाव का बिगुल बजने वाला है. सभी पार्टियां ने नगर निगम चुनाव में अपनी जीत के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. लखनऊ में भी नगर निगम चुनाव को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है. मौजूदा समय में लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया हैं. लखनऊ नगर निगम के इतिहास में संयुक्ता भाटिया के नाम एक रिकॉर्ड दर्ज है. आइए जानते हैं कि संयुक्ता भाटिया कौन हैं और उनके नाम कौन सा रिकॉर्ड है-

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संयुक्ता भाटिया की कहानी किसी फिल्मी कहानी की ही तरह है. उनका परिवार उस पंजाब में रहता था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा हैं. संयुक्ता भाटिया और उनके परिवार ने बंटवारे का दंश झेला है. संयुक्ता भाटिया का परिवार काफी समृद्ध था, लेकिन बंटवारे की वजह से उन्हें पलायन करना पड़ा. फिर आर्थिक तंगी आई, लेकिन सभी कठिनाइयों से लड़कर संयुक्ता लखनऊ की मेयर बनीं. संयुक्ता भाटिया ने बताया कि वह पंजाब की रहने वाली हैं, जो इस समय पाकिस्तान का हिस्सा है.

बंटवारे के दौरान हुआ था जन्म 

मेयर संयुक्ता भाटिया ने बताया, 'जब भारत का बंटवारा हो रहा था, तभी नाना उनकी मां को लेकर राजस्थान आ गए, जहां संयुक्ता भाटिया की मां की डिलीवरी हुई.' संयुक्ता के नाना राजस्थान के जलालाबाद के सीएमओ थे. मामा डॉक्टर थे. मेयर संयुक्ता भाटिया बताती हैं, 'उनके पिताजी पंजाब के बहुत बड़े बिजनेसमैन थे, उनके पास बड़े-बड़े किराना स्टोर थे, लेकिन जब बंटवारा हुआ तब वह सब कुछ छोड़कर दिल्ली चले गए.'

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पाकिस्तान के पंजाब से यूपी के बस्ती तक का सफर 

मेयर संयुक्ता भाटिया ने बताया, 'जब मेरे पिता पंजाब से दिल्ली आए, तब 6 महीने तक हमारी उनसे मुलाकात नहीं हो पाई थी क्योंकि पता ही नहीं चल पा रहा था कि पिताजी कहां है... 6 महीने बाद पता चला कि तब हम पिताजी से मिले, उसके बाद हम लोग यूपी के बस्ती जिले में आकर रहने लगे, बस्ती में ही साल 1967 में मेरी शादी सतीश भाटिया से हो गई और फिर मैं पति के साथ लखनऊ आकर रहने लगी.'

RSS से जुड़ा रहा है भाटिया परिवार, दो बार MLA रहे पति

लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया का परिवार शुरुआत से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा हुआ है. उनके पति सतीश भाटिया संघ से जुड़े रहे और लखनऊ के कैंट से दो बार भाजपा विधायक रहे. सतीश भाटिया ने पहली बार कैंट की सीट से भाजपा को 1991 में जीत दिलाई थी. 

मेयर संयुक्ता भाटिया के बेटे प्रशांत भाटिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत स्तर के नेता है और वर्तमान समय में आरएसएस के अवध प्रांत के विभाग कार्यवाह है. संयुक्ता भाटिया बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं और 2017 में महिला आयोग सदस्य के लिए उनका नाम नामित किया गया था. इसी साल वह लखनऊ की मेयर बनीं.

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100 साल के इतिहास में पहली महिला मेयर बनीं संयुक्ता

लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया के नाम एक रिकॉर्ड भी है. वह लखनऊ की पहली महिला मेयर हैं. लखनऊ नगर निगम के 100 साल के इतिहास में संयुक्ता भाटिया इकलौती महिला हैं, जो मेयर का चुनाव जीती थीं. इससे पहले लखनऊ का मेयर या नगर प्रमुख का चुनाव कोई पुरुष ही जीत रहा था.

2017 के चुनाव में संयुक्ता भाटिया को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया था. संयुक्ता भाटिया ने समाजवादी पार्टी (सपा) की मीरा वर्धन को लगभग 1 लाख 31 हज़ार से अधिक मतों से हराया था. संयुक्ता भाटिया को अकेले ही 42% वोट मिले थे. अगर कुल वोटों की बात करें तो संयुक्ता भाटिया को 3 लाख 77 हजार के आसपास वोट मिले थे.

 

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