scorecardresearch
 

UP Nagar Nikay Chunav: बिहार से आया व्यापारी कैसे बन गया गोरखपुर का मेयर? कहानी सीताराम जायसवाल की

उत्तर प्रदेश में नगर निगम की 17 सीटें हैं, जिस पर सभी पार्टियों की नजर है. इनमें भी सबसे वीवीआईपी सीट गोरखपुर नगर निगम की, जहां खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी. मौजूदा समय में गोरखपुर नगर निगम के मेयर सीताराम जायसवाल हैं. बिहार के रहने वाले सीताराम जायसवाल 1975 में गोरखपुर आए थे.

Advertisement
X
मेयर सीताराम जायसवाल
मेयर सीताराम जायसवाल

उत्तर प्रदेश में किसी भी नगर निकाय चुनाव का ऐलान हो सकता है. नगर निगम से लेकर नगर पालिका और नगर पंचायत स्तर पर राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है. उत्तर प्रदेश में नगर निगम की 17 सीटें हैं, जिस पर सभी पार्टियों की नजर है. इनमें भी सबसे वीवीआईपी सीट गोरखपुर नगर निगम की, जहां खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी.

Advertisement

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से सीताराम जायसवाल मौजूदा मेयर हैं. 2017 के निकाय चुनाव में उन्‍होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के राहुल गुप्‍ता को 75823 वोटों से हराकर यह जीत हासिल की थी. 2017 के निकाय चुनाव में सीताराम जायसवाल को भाजपा का टिकट मिलना जितना अप्रत्‍याशित था, उनकी जीत का रास्‍ता उतना ही आसान था.

जानिए मेयर सीताराम जायसवाल के बारे में-

अपने जीवन के 76वें वर्ष में प्रवेश कर चुके सीताराम जायसवाल मूलतः बिहार राज्य के सिवान जिला के महाराजगंज के रहने वासे हैं. घर में उनकी पत्नी मुन्ना देवी और चार बेटे अपनी पत्नियों के साथ रहते है. बड़े बेटे अनिल जायसवाल ड्राई फ़्रूट्स के थोक व्यापारी हैं और उनकी दुकान गोरखपुर के साहबगंज मंडी में है.
 
बड़े बेटे अनिल जायसवाल का कहना है कि महापौर बनने से पहले पिताजी इसी दुकान पर बैठा करते थे, लेकिन जब मेयर पद की ज़िम्मेदारी उन्हें मिली तो उन्होंने दुकान पर बैठना छोड़ दिया और जनता की सेवा के लिए कभी नगर निगम कार्यालय तो कभी क्षेत्र में रहा करते हैं. 

Advertisement

परिवार में और 3 बच्चे संजय, अजय और डॉक्टर मनोज जयसवाल हैं. एक बेटी है नीलू जायसवाल, जिनकी शादी गोरखपुर में ही हुई है. बड़े बेटे अनिल जायसवाल बताते हैं कि पिताजी 1975 में गोरखपुर में आए थे. पुराने दिनों को याद करते हुए वो बताते है कि पिताजी की टीचिंग लाइन से शुरुआत हुई थी और बिहार में भी एक ग़ल्ले का व्यापार हुआ करता था.

अनिल जायसवाल ने कहा, 'जब गोरखपुर का रुख़ किया तो यहां बहुत संघर्ष किया. पिताजी ने व्यापारियों के लिए बहुत संघर्ष किया है, जिसकी बदौलत व्यापारियों को हमेशा उनका साथ मिला है, उनके द्वारा ही खूनीपुर से लाल डिग्गी तक की सड़क पूरी आरसीसी से निर्मित है, यह गोरखपुर की सबसे अच्छी सड़क है.'

वहीं अजय जयसवाल बताते हैं कि पिताजी बहुत ही शांत स्वभाव के हैं, अपने व्यस्ततम समय में से जब भी फुर्सत में घर पर आते हैं तो नाति-पोतों के साथ घुल मिल जाते हैं.   मौजूदा महापौर के मुख्य कामों की बात करें अगर तो नया निगम भवन, अंत्येष्टि स्थल, इलेक्ट्रिक बस, हाईटेक ट्रैफ़िक सिस्टम, रामगढ़ ताल का सुंदरीकरण, सड़कों का विकास, पेयजल, प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर रेहड़ी-पटरी वालों को सिस्टम में लाना उनके प्रमुख कामों में से रहा है.

Advertisement

(रिपोर्ट- रवि गुप्ता)

 

Advertisement
Advertisement