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यूपी: जिनके पति जिंदा, उन्हें भी विधवा बताकर बांटे पैसे, सरकारी योजना में घोटाले के बाद FIR दर्ज

लखनऊ में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में घोटाले की खबर सामने आई है. जिन महिलाओं के पति जिंदा थे, उन्हें भी विधवा बताकर, उनके खाते में पैसे डाले जा रहे थे. कई विभागों की संलिप्तता पूरे प्रकरण में सामने आई है. केस की छानबीन जारी है.

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घोटाले में शामिल हो सकते हैं कई विभाग (सांकेतिक तस्वीर)
घोटाले में शामिल हो सकते हैं कई विभाग (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पति की मौत होने पर मिलती थी आर्थिक सहायता
  • फर्जी दस्तावेज बनाकर मिली रकम
  • सरकारी विभागों की सामने आई संलिप्तता

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत कमाऊ मुखिया की मौत होने पर सरकार की ओर से दी जाने वाली 30 हजार की आर्थिक मदद में अब बड़ा घोटाला सामने आया है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फर्जी दस्तावेज बनाकर महिलाओं के खाते में मोटी रकम डाली जा रही थी, जिसमें कई सरकारी विभाग भी शामिल थे. अब पारिवारिक लाभ योजना घोटाले में केस दर्ज हुआ है.

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सरोजनी नगर थाने में राजस्व अधिकारी ने पूरे प्रकरण प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है. एफआईआर में योजना का लाभ पहुंचाने वाले 2 दलालों समेत 98 लोगों को नामजद किया गया है. घर के कमाऊ मुखिया का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र लगाकर योजना का लाभ, लाभार्थी ले रहे थे. पति के जिंदा रहते महिलाओं को विधवा बताया गया और योजना के तहत 30,000 हजार रुपये लोग डकार गए. 

लखनऊ के सरोजिनी नगर और बंथरा में ऐसी धांधली की खबरें पहले सामने आईं, जिनमें पति के जिंदा रहते ही विधवा महिलाओं को मिलने वाली सहायता राशि का लाभ कुछ परिवार उठा रहे थे. अब पूरे मामले की छानबीन जारी है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है.

लखनऊ में सरकारी योजना में घोटाला, जिनके पति जिंदा, उन्हें भी विधवा बताकर बांट दिए पैसे
 
क्या है पूरा केस?

दरअसल इस पूरे प्रकरण पर ग्रामीणों का कहना है कि बीमारी के इलाज के नाम पर पैसे का लालच देकर एक दलाल ने लाभार्थियों से काम कराने के नाम पर कागजों का फर्जीवाड़ा करके 15,000 की रकम खातों में भेज दी. राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत कमाऊ मुखिया की मौत हो जाने पर सरकार की ओर से 30 हजार रुपए का आर्थिक सहयोग दिया जाता है. घोटाले से जुड़ा पूरा मामला लखनऊ के सरोजनीनगर स्थित बंथरा और चंद्रावल गांव का है.

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2019 से 2021 के बीच 88 महिलाओं को मिला लाभ

बंथरा में साल 2019 से 2021 के बीच 88 महिलाओं को योजना का लाभ दिया गया. विभागीय रिपोर्ट की जांच में यह बात सामने आई कि लाभार्थियों में बंथरा गांव की 21 महिलाओं के पति जीवित थे लेकिन उन्हें विधवा बताकर योजना का लाभ दिया गया. लाभान्वित महिलाओं में 8 महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें नियमों के खिलाफ जाकर योजना का लाभ देने की कोशिश की गई.

कैसे होता है भुगतान?

योजना का फायदा देने के लिए लाभार्थियों को प्रमाणित करने का काम राजस्व विभाग और लाभार्थियों को रकम का भुगतान करने का काम समाज कल्याण विभाग के स्थानीय अधिकारियों की ओर से किया जाता है. संबंधित लेखपाल, कानूनगो और तहसीलदार इसके लिए अपनी रिपोर्ट लगाता है, जिसके बाद एडीएम के डिजिटल साइन के बाद संबंधित पोर्टल पर रिपोर्ट लॉक की जाती है.

बिना सर्वे के ही बांट दिए गए रुपये

सरोजनी नगर में किसी अधिकारी ने न तो फील्ड में सर्वे किया, न ही किसी लाभार्थी के दस्तखत किए गए. जीवित लोगों का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर उनकी पत्नियों के खाते में योजना की लाभ की राशि पहुंचा दी गई. गांव के प्रधान प्रतिनिधि शिवम सिंह के मुताबिक उन्हें इस बात की बिल्कुल जानकारी नहीं थी. एक फर्जी दलाल ने सीधे ग्रामीणों से संपर्क कर उनके दस्तावेज लेकर यह फर्जीवाड़ा किया है. आरोप है कि इसमें मैनुअली फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर बैंक खातों में पैसा डाला गया है.

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