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बुलंदशहर: इनकार के बाद अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए शहीद नीरज के परिजन

कुपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद नायक नीरज कुमार का शव उनके घर पहुंचा तो जरूर, लेकिन अपने लाल की बंद आखों को देखकर परिजन आंखें मूंदे प्रदेश और केंद्र सरकार पर बरस पड़े. अपनी मांगों को लेकर परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया, लेकिन डीएम की घोषणा के बाद शव को मुखाग्नि‍ देने के लिए राजी हो गए.

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बुलंदशहर पहुंचा शहीद सपूतों का शव
बुलंदशहर पहुंचा शहीद सपूतों का शव

सीमा पर पाकिस्तान के नापाक इरादों और इस ओर केंद्र सरकार के रवैये पर सैनिकों के परिजनों का गुस्सा फूटा है. कुपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए नायक नीरज कुमार का शव उनके घर पहुंचा तो जरूर, लेकिन अपने लाल की बंद आखों को देखकर परिजन आंखें मूंदे प्रदेश और केंद्र सरकार पर बरस पड़े. अपनी मांगों को लेकर परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया, लेकिन डीएम की घोषणा के बाद शव को मुखाग्नि‍ देने के लिए राजी हो गए.

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यूपी के बुलंदशहर में मातम का माहौल है. यह जायज भी है कि क्योंकि इस इलाके में अपने दो जाबांज सपूतों को खोया है. कुपवाड़ा के ऑपरेशन में शहीद हुए ग्रेनेडियर राहुल का शव बुलंदशहर में उनके पैतृक आवास पर पहुंच गया है. पूरे सम्मान के साथ शहीद के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. इस ऑपरेशन में शहीद हुए नायक नीरज कुमार का शव भी बुलंदशहर में उनके घर पहुंच गया है. इलाके के लोग शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य यह कि राज्य या केंद्र से कोई सुध तक लेने नहीं आया.

परिजनों के गुस्से को देखते हुए समझाने-बुझाने का दौर चला और बुलंदशहर के डीएम ने शहीद नीरज कुमार के परिजनों को 20 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की. इसके साथ ही राज्य सरकार ने नीरज के परिवारवालों की मांगें भी मान ली हैं. इन मांगों में शहीद के आश्रित को नौकरी, बच्चों को मुफ्त शि‍क्षा और शहीद के नाम पर एक स्मारक बनाया जाना शामिल है. बताया जाता है कि स्मारक निर्माण के लिए गांव वाले जमीन चिंहित करेंगे. इसके अलावा केंद्र सरकार से जो मांगें हैं उसे पूरा करने के लिए सांसद महेश शर्मा ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है. नीरज कुमार के परिजनों ने पेट्रोल पंप की मांग भी की है.

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यह सच उस देश का है, जिसकी सीमा पर बीते एक महीने में 20 से अधिक बाद सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. सेना के कैंप के साथ ही पाकिस्तानी रेंजर्स अब आम लोगों के घरों को भी निशाना बना रहे हैं, लेकिन सियासी बोल-वचन के अलावा कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही. हालांकि गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने मामले में कड़ी कार्रवाई के संकेत जरूर दिए और पाक के साथ वार्ता के दौर को विराम दिया, लेकिन शायद इसे ही इतिश्री मान लिया गया.

बहरहाल, देश के बेटों का शव चौखट से घर के अंदर आ चुका है. सीमा पर मंगलवार सुबह भी आतंकियों से मुठभेड़ जारी है. सोमवार से अब तक तीन जवान शहीद हो चुके हैं. बुलंदशहर में सुबह से हर कोई उबड़-खाबड़ रास्ते की बाट जोह रहा था कि जाने कब कोई लाल बत्ती आए और बेटों की आत्मा को आंशिक ही सही थोड़ी शांति मिल जाए. लाल बत्ती आई, घोषणाएं हुई और आखि‍रकार देश का बेटा अपनी अंतिम यात्रा के लिए रवाना हुआ. 

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