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देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले कम होते दिख रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और संक्रमण दर भी कम हुआ है. लेकिन अभी भी गौतमबुद्धनगर में कोरोना पर काबू नहीं पाया गया हैं. यहां पर सक्रिय मरीजों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है और अस्पतालों में भी भारी भीड़ देखने को मिल रही है. इस बीच ये खबर आई है कि सीएम योगी आदित्यनाथ गौतमबुद्ध नगर का दौरा कर सकते हैं. इस वजह से तमाम अधिकारी काफी सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने अपनी तरफ से दौरों का सिलसिला शुरू कर दिया है.
शहर से गांव तक अफसरों का तूफानी दौरा
इसी कड़ी में नोएडा के विधायक पंकज सिंह और नोएडा ऑथोरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने गुरुवार की दोपहर अडानी ग्रुप और डॉक्टर्स फॉर यू की मदद से स्टेडियम में बनाए गए कोविड-19 सेंटर का दौरा किया. इस सेंटर में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति अर्नेस्ट एंड यंग कम्पनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत पीएसए तकनीक से की जा रही है.
ऋतु महेश्वरी ने बताया कि यह ऑक्सीजन प्लांट प्रति मिनट 260 लीटर ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है जिसकी शुद्धता 92% तक है. उनके मुताबिक इतनी ऑक्सीजन 50 बेड वाले कोविड-19 सेंटर के लिए पर्याप्त है. यह प्लांट वायुमंडल से हवा खींचता है और फिर उससे ऑक्सीजन को अलग कर लेता है. ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह स्वचालित तकनीक पर आधारित है. खास बात यह है कि महज 15 दिनों में इस ऑक्सीजन प्लांट को तैयार किया गया है. अगर जरूरत पड़ी तो इमरजेंसी के इस्तेमाल के लिए अस्पताल में 40-40 लीटर के 1000 सिलेंडर भी रखे गए हैं.
ऋतु माहेश्वरी ने जानकारी दी है कि स्टेडियम में बनाए गए इस अस्पताल में L1 और L2 लेवल के 50 बेड मौजूद हैं जिन्हें पूरी तरह एयर कंडीशन रखा गया है. यहां महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग इंतजाम किए गए हैं. इस सेंटर में मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है.
ग्रामीण इलाकों का भी हो रहा दौरा
उधर ग्रामीण इलाकों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के प्रकोप को देखते हुए अधिकारियों ने वहां का भी दौरा करना शुरू कर दिया है. ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ और कोविड 19 के नोडल ऑफिसर नरेंद्र भूषण ने भी ग्रामीण इलाको का दौरा किया है. इन गांव में खैरपुर गुर्जर, सैनी, तिलपता और घोड़ी बछेड़ा गांव शामिल हैं. अब वैसे जिस तरह की सीएम योगी की कार्यशैली रही है, उसे देखते हुए अधिकारियों का यूं अचानक से आनन-फानन में दौरा करना हैरान नहीं करता है. अब इन दौरों के बाद जमीन पर स्थिति कितनी बदलती है, मरीजों को कैसे बेहतर सुविधा मिलती है, इस पर सभी की नजर रहने वाली है.