उत्तर प्रदेश का मोस्ट वॉन्टेड और निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार अभी तक फरार है, जिसे लेकर मेरठ के आईजी प्रवीण कुमार को जांच सौंपी गई थी. प्रवीण कुमार ने शनिवार को मणिलाल के खिलाफ विभागीय जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है.
आईजी मेरठ ने कहा कि उन्होंने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है. जांच में क्या सामने आया और रिपोर्ट में क्या लिखा है यह बताने से इनकार करते हुए कहा कि यह गोपनीय मामला है.
क्या है मामला
मणिलाल पाटीदार महोबा के एसपी थे. महोबा के कबरई थाना क्षेत्र के रहने वाले क्रेशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी को 8 सितंबर 2020 के दिन संदिग्ध हालत में गोली लग गई थी. इंद्रकांत ने इलाज के दौरान कानपुर के एक निजी अस्पताल में 13 सितंबर को दम तोड़ दिया था. इंद्रकांत की मौत के बाद उनके भाई रविकांत ने तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
हर महीने 6 लाख की रिश्वत मांग रहा था पाटीदार
रविकांत ने मणिलाल पाटीदार पर आरोप लगाया था कि मणिलाल उनके भाई से हर महीने 6 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था, लेकिन जब उन्होंने मना कर दिया तो मणिलाल ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया. कारोबारी इसी वजह से मानसिक तनाव से गुजर रहा था.
पाटीदार पर लगे कई गंभीर आरोपी की पुष्टि
इस प्रकरण में कानपुर की विजिलेंस टीम भी तहकीकात करने में लगी है. लेकिन मेरठ आईजी प्रवीण कुमार विभागीय जांच कर रहे थे. आईजी मेरठ की जांच रिपोर्ट में पाटीदार पर लगे कई गंभीर आरोपों की पुष्टि हुई है. बताया जा रहा है कि यह रिपोर्ट पाटीदार की बर्खास्तगी का पर्याप्त आधार है. बता दें, भगोड़े और एक लाख के इनामी आईपीएस मणिलाल पाटीदार की नौकरी पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है. आईजी की विभागीय जांच रिपोर्ट शासन को मिलते ही उनको सरकारी नौकरी से बर्खास्त करने की भी तैयारी पूरी है.