Nikay chunav: यूपी में इस साल होने वाले नगर निगम चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के काम के साथ ही आरक्षण सूची बनने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. वैसे तो अभी चुनाव की तारीखों का ऐलान होने में थोड़ा समय है लेकिन राजनीतिक पंडित आंकड़ों के जाल बुनकर अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. हालांकि उन्हें यह भी पता है कि अभी कुछ भी कहना थोड़ा जल्दीबाजी होगी क्योंकि अभी आरक्षण लिस्ट जारी नहीं हुई है.
फिरोजाबाद जिले के आठ निकायों पर चुनाव होना है. जिसमें एक नगर निगम - फिरोजाबाद शहर, तीन नगरपालिका - टुंडला, शिकोहाबाद और सिरसागंज है. इसके अलावा चार नगर पंचायतें जिनमें मक्खनपुर जसराना एका व फरिहा हैं. तो आइए वर्ष 2017 में फिरोजाबाद नगर निगम में की बात करें दरअसल फिरोजाबाद नगर निगम के लिए मेयर की सीट महिला (पिछड़ी जाति) के लिए यह सीट आरक्षित की गई थी, सभी राजनीतिक पार्टियों ने उन महिलाओं को टिकट दिया था जिनकी पिछले कोई राजनीतिक अनुभव नही था हां उनके परिजन स्थानीय राजनीति में सक्रिय थे.
समाजवादी सरकार में 5 अगस्त 2014 को फ़िरोज़ाबाद नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा मिला था. नव सृजित हुई नगर निगम की मेयर के लिए वर्ष 2017 में प्रथम बार हुए नगर निगम फ़िरोज़ाबाद मेयर सीट के चुनाव के लिए प्रत्याशी के तौर पर उत्तर प्रदेश में सबसे कम उम्र की प्रत्याशी नूतन राठौर को टिकट दिया था. नूतन राठौर की नामांकन के समय उम्र 30 वर्ष 5 माह थी. जबकि मेयर के चुनाव के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष निर्वाचन आयोग की तरफ से निर्धारित थी. 1 दिसंबर 2017 को हुई मतगणना के बाद नूतन राठौर ने 98928 वोट पाकर 42392 वोटों से ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. वहीं आश्चर्यजनक रूप से असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम मेयर के लिए दूसरे स्थान पर रही. एआईएमआईएम ने मशरूम फातिमा को उतारा था, उन्हें 56536 वोट मिले थे और तीसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी रही थी समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सावित्री गुप्ता को 45917 वोट मिले थे. चौथे स्थान पर रही बहुजन समाज पार्टी की पायल राठौर को 41524 वोट मिले. पांचवे स्थान पर कांग्रेस की शाहजहां प्रवीन को 13936 वोट मिले थे.
आ गए आरक्षण प्रस्ताव:
ऐसा माना जा रहा है कि इस सप्ताह के अंत तक आरक्षण की स्थिति साफ हो जाएगी. फिरोजाबाद के एडीएम अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि सभी निकायों के वार्ड के आरक्षण के प्रस्ताव आ गए हैं. वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर जिला स्तर पर इसका परीक्षण करने के बाद शासन को भेजा जा रहा है. अब शासन के निर्देश का इंतजार है.