कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज है. ऐसे में 2022 विधानसभा चुनाव के सेमीफाइल माने जा रहे पंचायत चुनाव में फिरोजाबाद जिले में मुलायम सिंह यादव के समधी सिरसागंज से विधायक हरिओम यादव की सियासत दांव पर लगी है. हरिओम यादव की सपा महासचिव रामगोपाल यादव से कभी नहीं बनी जबकि शिवपाल यादव से नजदीकी रिश्ते हैं. हरिओम यादव का परिवार फिरोजबाद में सपा के खिलाफ चुनावी ताल ठोक रहा है.
सपा से निष्कासित विधायक हरिओम यादव कहते हैं हम लोग तो सब एक साथ हैं और जो कुछ विवाद है वो मुलायम सिंह यादव के परिवार में है. हम चाहते कि नेताजी के रहते हुए विवाद सुलझ जाए और परिवार एक रहे. सभी रिश्तेदारों और सभी शुभचिंतकों का यही है कि सब प्रेम से रहें और तरक्की करें. हरिओम यादव कहते हैं कि मुलायम सिंह यादव शिवपाल यादव के साथ बातचीत कर सारे मामले सुलझाएं और परिवार को एक करें. परिवार एक हो जाएगा तो 2022 में सरकार बननी तय है.
शिवपाल यादव के समर्थन से हरिओम यादव का परिवार पंचायत चुनाव में किस्मत आजमा रहा है. फिरोजाबाद जिले में कुल 33 जिला पंचायत सदस्य के वार्ड है. हरिओम यादव कहते हैं कि इनमें कहीं समाजवादी पार्टी लड़ रही है तो कहीं बीजेपी लड़ रही है. कहीं-कहीं दोनों मिल के लड़ रहे हैं, लेकिन हमे उम्मीद है कि सबसे ज्यादा सीटें हमारी ही आएंगी. शिवपाल यादव का यहां पर प्रभाव है. लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा दोनों मिल के लड़े थे तब भी शिवपाल यादव को 96000 हजार से अधिक वोट मिले थे. शिवपाल की वजह से यहां समाजवादी पार्टी हार गई.
जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे हरिओम यादव के बेटे विजय प्रताप का कहना है कि पंचायत चुनाव में पार्टी का ज्यादा मतलब नहीं होता, क्योंकि इसमें सिंबल नहीं मिलता. पंचायत चुनाव में लोग व्यक्तिगत आधार पर, व्यक्तिगत पहचान पर और काम पर वोट देते है. पूरा परिवार एक होता तो सब मिलकर लड़ते. अब अब जब बिखराव है तो संघर्ष होगा और चुनाव परिणाम आने वाला समय बताएगा कि कौन किस पर भारी पड़ा. विजय का कहना है कि समाजवादी पार्टी के लोग भी लड़ रहे है पिछली बार भी लड़े थे.
हरिओम यादव का मानना है कि इसका सीधा असर परिवार पर पड़ेगा राजनीतिक विचारधारा अलग-अलग होंगी तो असर तो होगा ही. नेताजी को तो सब की जरूरत है. नेताजी की कमी हम महसूस करते हैं. समाजवादी पार्टी वाकई में कमजोर हुई है. इटावा और फिरोजाबाद में तो विल्कुल कमजोर हुई है जबकि एटा और मैनपुरी स्थिति खराब हुए हैं, जो मुलायम सिंह यादव का गढ़ था.
वह कहते हैं कि बीजेपी सेंधमारी कर रही है. बीजेपी ने इससे पहले कभी परिवार के सदस्य को टिकट दिया नही. परिवार में तोड़फोड़ करने के लिए बीजेपी ऐसा कर रही है. बीजेपी 2022 में भी ऐसे ही कर सकती है. अगर सब इकट्ठा हो जाएंगे तो कोई परेशानी नहीं होगी.
रामगोपाल यादव को लेकर मुलायम के समधी हरिओम यादव ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि रामगोपाल यादव बीजेपी से अंदर खाने सांठगांठ कर चुके हैं. यादव सिंह मामले को लेकर अगर सही से जांच होगी तो रामगोपाल उनका लड़का पुत्रबधू जेल जाएंगे. रामगोपाल की अमित शाह से डील हो चुकी है. रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी को धीमे धीमे खत्म कर रहे हैं, यह बात खुद मुलायम सिंह कह चुके हैं. ऐसे में सपा परिवार को एकट्ठा करने की जिम्मेदारी हमारे ऊपर नहीं बल्कि नेताजी पर है.