scorecardresearch
 

मोदी-अखिलेश-मुलायम-राजा भैया के इलाके में आज पंचायत चुनाव, जानें, कैसी बिछी है सियासी बिसात

यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़, मुलायम सिंह के गृह जनपद इटावा, उनके संसदीय क्षेत्र मैनपुरी, रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के गढ़ माने जाने वाले प्रतापगढ़ में वोटिंग हो रही है.

Advertisement
X
मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, नरेंद्र मोदी
मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, नरेंद्र मोदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी के वाराणसी में पंचायत चुनाव
  • अखिलेश के आजमगढ़ में कौन मारेगा बाजी
  • सपा के मजबूत इलाके वाले क्षेत्र में वोटिंग

कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के लिए सोमवार सुबह से मतदान शुरू हो गया है. इस फेज में 20 जिले की जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के पद के लिए 2 लाख 33 हजार से अधिक प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला 3 करोड़ 23 लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे. इस चरण में कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी हुई है. 

Advertisement

यूपी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़, मुलायम सिंह के गृह जनपद इटावा, उनके संसदीय क्षेत्र मैनपुरी, रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के गढ़ माने जाने वाले प्रतापगढ़, आरएलडी प्रमुख चौधरी अजित सिंह के बागपत और राजधानी लखनऊ सहित अमरोहा, एटा, कन्नौज, गोंडा, गौतम बुद्ध नगर, चित्रकूट, बदायूं, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, महराजगंज, लखीमपुर-खीरी, ललितपुर और सुल्तानपुर जिले में भी मतदान हो रहा है. 

मोदी के वाराणसी में पंचायत चुनाव
वाराणसी जिले में 694 ग्राम प्रधानों की सीटों के लिए कुल 4336 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. आराजीलाइन ब्लॉक में सबसे अधिक 715 उम्मीदवार हैं जबकि सबसे कम उम्मीदवार हरहुआ में 393 हैं. इसके अलावा 40 जिला पंचायत सदस्य पदों, 1007 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 8878 ग्राम पंचायत सदस्य के पदों के लिए मतदान हो रहा है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है, जिसके चलते बीजेपी हरहाल में इस बार इस सीट पर नजर लगाए हुए है.

Advertisement

पिछले चुनाव में वाराणसी के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी को सपा के हाथों करारी मात खानी पड़ी थी. तब वहां जिला पंचायत के 48 सदस्य थे, जिनमें से सपा की कैंडिडेट और इंजीनियर अपराजिता सोनकर ने 30 जिला पंचायत सदस्यों का वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. वहीं, बीजेपी के प्रत्याशी अमित सोनकर को महज 17 वोट मिले थे और एक वोट अवैध हो गया था. हालांकि, 2017 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपराजिता सोनकर ने सपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. इस बार और बीजेपी में कांटे का मुकाबला माना जा रहा है. 

अखिलेश के आजमगढ़ में कौन मारेगा बाजी
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो रहे हैं.  इस चुनाव के लिए 26,866 पदों के लिए कुल 42,527 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 37,20,084 मतदाता करेंगे. ग्राम प्रधान पद के 1858, ग्राम पंचायत सदस्य के 22,820, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2104 और जिला पंचायत सदस्य के 84 पदों के लिए चुनाव हो रहे हैं. 

आजमगढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है. जिले पंचायत की कुर्सी पर लंबे समय से यादव समुदाय का कब्जा है. 2015 में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में सपा की मीरा यादव दोबारा जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं. ऐसे में देखना है कि सपा अपनी इस सीट को बचाने के लिए क्या करती है. इस कुर्सी को पाने के लिए कई दावेदार माने जा रहे हैं. देश और प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा भी इस सीट पर अपने सूखे को खत्म करने का पूरा प्रयास करेगी. 

Advertisement

मुलायम सिंह यादव के इलाके में पंचायत चुनाव
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र मैनपुरी और गृहजनपद इटावा के साथ-साथ एटा, बदायूं जिले में पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है. यह चारों जिले सपा के मजबूत गढ़ माने जाते हैं. मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में पहली बार दलित ग्राम प्रधान इस बार चुना जाएगा. वहीं, इटावा के जिला पंचायत की कुर्सी पर काबिज होने के लिए मुलायम परिवार की साख दांव पर लगी है. इन चारों जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर सपा का कब्जा था, लेकिन इस बार मैनपुरी में मुलायम सिंह की भतीजी और धर्मेंद्र यादव की बहन जो जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, वो बीजेपी के टिकट पर किस्मत आजमा रही हैं. ऐसे में सपा के लिए कभी बड़ी चुनौती उन्हें घर से ही मिल रही है. 

प्रतापगढ़ में राजा भैया की साख दांव पर
कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के गृह जनपद प्रतापगढ़ में पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है. प्रतापगढ़ में जिला पंचायत सदस्य के 57, ग्राम प्रधान की 1193 सीटों, ग्राम पंचायत सदस्य की 14917, क्षेत्र पंचायत सदस्य 1434 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, जिनकी किस्मत का फैसला करीब 26 लाख मतदाता करेंगे. इस पर राजा भैया की साख दांव पर लगी है, क्योंकि बीजेपी और सपा सहित कांग्रेस व बसपा पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही हैं. ढाई दशक में पहली बार राजा भैया अपने किसी भी समर्थक को जिला पंचायत सदस्य को निर्विरोध निर्वाचित नहीं करा सके जबकि उन्होंने पिछले चुनाव में 13 सदस्यों को निर्विरोध निर्वाचित कराया था. वहीं, इस बार उनके गढ़ कुंडा और बाबागंज में सपा व बीजेपी उनको कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है. 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement