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UP पंचायत चुनाव में ग्लैमर, जानें-दीक्षा सिंह का फैशन की दुनिया से राजनीति तक का सफर

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में मिस इंडिया रनर अप दीक्षा सिंह के उतरने से ग्लैमर का तड़का लग गया है. कौन हैं दीक्षा सिंह? जिनकी जौनपुर में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने की वजह से हर तरफ चर्चा है.     

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दीक्षा सिंह का मिस इंडिया रनर अप से लेकर पंचायत चुनाव लड़ने तक का सफर
दीक्षा सिंह का मिस इंडिया रनर अप से लेकर पंचायत चुनाव लड़ने तक का सफर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बक्सा विकास खंड के वार्ड नंबर- 26 से किया नामांकन
  • पिता की वजह से लड़ना पड़ रहा दीक्षा को चुनाव

यूपी पंचायत चुनाव में 2015 में मिस इंडिया की रनर अप रहीं दीक्षा सिंह जौनपुर से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं. उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया है. उनके चुनाव मैदान में आने से पंचायत चुनाव में ग्लैमर का तड़का लग गया है. आपको बताते हैं, कि कौन हैं दीक्षा सिंह और किस तरह वे अचानक यूपी के पंचायत चुनाव में एंट्री के साथ चर्चा में आ गई हैं. 

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बता दें कि चितौड़ी गांव के निवासी जितेंद्र सिंह की बेटी दीक्षा सिंह ने क्लास 3 तक की पढ़ाई गांव के ही सरकारी प्राइमरी स्कूल से की. पिता का रोजगार गोवा में होने के बाद दीक्षा भी परिवार के साथ वहां पहुंच गई. क्लास 4 से इंटर तक की शिक्षा दीक्षा ने वास्कोडिगामा के आदर्श नगर में स्थित विद्या मंदिर से हासिल की. दीक्षा ने MES कॉलेज, जुआरीनगर गोवा से 2018 में अंग्रेजी और पॉलिटिकल साइंस के साथ ग्रेजुएशन किया. ग्रेजुएशन के दौरान ही दीक्षा को ‘फेमिना मिस इंडिया-2015’ में हिस्सा लेने का मौका मिला. इस प्रतियोगिता में रनर अप का खिताब जीतने के बाद दीक्षा के लिए ग्लैमर वर्ल्ड के दरवाजे खुल गए. मौजूदा दौर में दीक्षा मॉडलिंग-एक्टिंग के साथ-साथ स्क्रिप्ट राइटिंग का हुनर भी जानती हैं.  

ऐन वक्त पर क्यों उतरना पड़ा चुनावी मैदान में?  
जौनपुर के बक्सा विकास खंड के वार्ड नंबर 26 से जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव के लिए 4 अप्रैल को दीक्षा ने अपना नामांकन भरा. दरअसल, दीक्षा ने जिस वार्ड से पंचायत सदस्य पद के लिए पर्चा भरा, उस वार्ड से चुनाव लड़ने के लिए उनके पिता जितेंद्र सिंह एक साल से भी ज्यादा समय से जुटे हुए थे. लेकिन ऐन वक्त पर ये सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाने की वजह से जितेंद्र सिंह ने बेटी दीक्षा को यहां से चुनाव लड़ाने का फैसला किया. 

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राजनीति में उतरने के सवाल पर दीक्षा सिंह ने कहा कि उन्हें स्कूल-कॉलेज से ही पॉलिटिकल डिबेट्स में हिस्सा लेने का शौक रहा है. दीक्षा के मुताबिक उनका जौनपुर से जुड़ाव हमेशा बना रहा है और वे समय-समय पर अपने गांव आती रही हैं. दीक्षा ने दावा किया कि वे कुछ बदलाव की सोच से पंचायत चुनाव में उतरी हैं. दीक्षा ने कहा कि वे जब भी जौनपुर आती हैं तो एक सवाल उनके जेहन में उठता है कि गोवा-मुंबई की तुलना में ये क्षेत्र विकास में इतना पीछे क्यों हैं.   

ग्लैमर वर्ल्ड में करियर  
जहां तक ग्लैमर वर्ल्ड में करियर का सवाल है, इसी साल फरवरी में दीक्षा के  एलबम "रब्बा मेहर करें" ने खासी कामयाबी हासिल की. दीक्षा ने बॉलिवुड की "इश्क तेरा" फिल्म की पटकथा भी लिखी है. इसके अलावा कई बड़े ब्रांडों के लिए उन्होंने एंडोर्समेंट भी किया है. जल्दी ही एक बड़े बैनर के लिए उनकी वेबसीरीज ‘Chutzpa’ भी आने वाली है.  

कौन हैं दीक्षा के पिता जितेंद्र सिंह? 
दीक्षा के पिता जितेंद्र सिंह का गोवा और राजस्थान में ट्रांसपोर्ट का कारोबार है. उन्होंने अस्सी के दशक के आखिर में मुंबई में ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी से शुरुआत करने के बाद ट्रांसपोर्ट कारोबारी बनने का सफर तय किया. जितेंद्र सिंह ने राजस्थान के कोटा, महाराष्ट्र के नागपुर और गोवा में भी ट्रांसपोर्ट कंपनियों में नौकरियां कीं. 2005 में जितेंद्र सिंह ने  गोवा में  ‘वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक  ट्रांसपोर्ट’ कंपनी खोलकर खुद का कारोबार शुरू किया.  

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दीक्षा की बड़ी बहन दीपा सिंह कॉमर्स ग्रेजुएट और NIFT की पास आउट हैं. फैशन डिजाइनर बनने के बाद दीपा फिलहाल चेन्नई में ही जॉब कर रही हैं. दीपा का भी जल्दी बिजनेस में उतरने का इरादा है. पंचायत चुनावों के लिए जौनपुर में पहले चरण में 15 अप्रैल को वोटिंग होनी है. दीक्षा को चुनाव में कामयाबी मिलती है या नहीं, ये तो 2 मई को वोटों की गिनती के बाद ही साफ होगा. बहरहाल जिस वार्ड से वो पंचायत चुनाव लड़ रही है उसे हाईप्रोफाइल जरूर बताया जाने लगा है.   

 

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