उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए सभी पदों के आरक्षण की की सूची जारी हो गई हैं. आरक्षण की लिस्ट आने के बाद चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले लोगों में से किसी को खुशी मिली है तो किसी को सियासी झटका लगा है. खासकर उनके लिए जो पहले जीते हुए थे और अगले चुनाव की तैयारियों में जुटे थे, लेकिन अब उनकी सीट किसी दूसरी जाति के लिए आरक्षित हो गई है. हालांकि अभी भी ऐसे लोगों के लिए विकल्प खुले हुए हैं, लेकिन उन्हें इसके आरक्षण की प्राथमिक सूची को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करनी होगी.
पंचायत चुनाव के आरक्षण को लेकर जारी सूची को लेकर गुरुवार से 8 मार्च के बीच कोई भी ग्रामीण मतदाता अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. ऐसे में 9 मार्च को इन दावों और आपत्तियों का एकत्रीकरण किया जाएगा. 10 से 12 मार्च के बीच जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा आरक्षण का परीक्षण और आपत्ति का निस्तारण किया जाएगा.
वहीं, 13 से 14 मार्च के बीच आरक्षण की सूचियों का नया और अंतिम प्रकाशन होगा और 15 मार्च को जिलाधिकारियों द्वारा इन सूचियों को पंचायतीराज निदेशालय भेजा जाएगा, जिसके बाद निदेशालय इन सूचियों के पूरे ब्यौरे को राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपेगा. इसके बाद आरक्षण में किसी तरह का कोई फेरबदल नहीं किया जाएगा.
बता दें कि पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य के पांच पदों के लिए महिला, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित और अनारक्षित सीटों के आवंटन की सूची जारीहो गई है. सूबे के सभी जिलों के सभी ब्लॉकों में आरक्षण की लिस्ट चस्पा की गई है, यह सूची जिलाधिकारी द्वारा प्रकाशित की गई है.