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UP: पंचायत चुनाव में बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी, ग्राम प्रधान के 33% सीट रिजर्व

अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत प्रधान के लिए पदों की संख्या पिछले चुनाव यानी 2015 की तुलना में इस बार 880 कम हुई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अपर मुख्य सचिव ने बताई 2015 और 2021 की तुलनात्मक स्थिति
  • जिला पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान के पद पिछले चुनाव से हुए कम
  • ग्राम प्रधान के 33% सीट रिजर्व

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं. ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक का कार्यकाल पूरा हो चुका है. लखनऊ में अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज) मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि इस बार ग्राम प्रधान की कुल सीटों में से 33.78 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.

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अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज) मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत प्रधान के लिए पदों की संख्या पिछले चुनाव यानी 2015 की तुलना में इस बार 880 कम हुई है. इस बार पिछली बार की तुलना में प्रधान के 880 कम पदों पर निर्वाचन होगा. उन्होंने आरक्षण को मूर्त रूप दे दिया गया है. जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर सिंह ने कहा कि साल 2015 में 75 पदों के लिए निर्वाचन हुआ था, इसबार भी 75 पदों के लिए ही निर्वाचन होगा.

जिला पंचायत सदस्य पद के निर्वाचन को लेकर बात करते हुए मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सदस्य के लिए 2015 में 3120 वार्ड थे जहां निर्वाचन हुआ था. उन्होंने बताया कि साल 2021 में यानी इसबार 69 वार्ड कम हुए हैं. अब जिला पंचायत सदस्य पद के लिए 3051 पदों पर निर्वाचन होगा. अपर मुख्य सचिव पंचायती राज ने क्षेत्र पंचायत सदस्य और प्रमुख पद को लेकर भी बात की.

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मनोज कुमार सिंह ने कहा कि साल 2015 में क्षेत्र पंचायत प्रमुख के 821 पदों पर निर्वाचन हुआ था. इस बार पांच विकास खंड बढ़े हैं. अब क्षेत्र पंचायत प्रमुख के लिए 826 पदों पर निर्वाचन होगा. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए साल 2015 के 744588 की बजाय 731813 पदों पर निर्वाचन होगा.

 

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