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वाराणसी: कोरोना कर्फ्यू में ढील मिलते ही लोग लापरवाह, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

कोरोना कर्फ्यू में सोमवार से उत्तर-प्रदेश में मिली दो घंटे की और ढील के बाद  सभी तरह के बाजारों, माॅल और रस्टोरेंट को खोल दिए जाने का साइड इफेक्ट भी दिखने लगा. 

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वाराणसी में लोग कोरोना नियमों का उल्लंघन करते नजर आए. (फाइल फोटो)
वाराणसी में लोग कोरोना नियमों का उल्लंघन करते नजर आए. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मास्क और अन्य चीजों का भी पालन नहीं करते नजर आए लोग
  • सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

कोरोना कर्फ्यू में सोमवार से उत्तर-प्रदेश में मिली दो घंटे की और ढील के बाद  सभी तरह के बाजारों, माॅल और रस्टोरेंट को खोल दिए जाने का साइड इफेक्ट भी दिखने लगा. वाराणसी के बाजारों में सुबह होते ही स्थानीय और पर्यटक उमड़ पड़े. इस दौरान न तो मास्क का ख्याल रखा गया और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का ही लिहाज रहा.

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सभी तरह के बाजार के खुलने पर दुकानदारों ने राहत की सांस तो ली लेकिन कोरोना के दिशा-निर्देशों को भूल बैठे. इसके अलावा सड़क पर चलने वाले सवारी वाहन या निजी वाहन तो क्षमता से ज्यादा सवारी को बैठाकर ऐसे फर्राटा भर रहे थे जैसे कोरोना के मामले कभी थे ही नहीं. ऐसा लग रहा था कि शायद ही पहले कभी कोरोना का खौफ किसी को रहा हो.  मास्क ठीक से ना पहनने वालों में आम लोगों के साथ ही पुलिस के जवान भी शामिल थे. जिनको नियम के पालन की जिम्मेदारी थी वही लापरवाह नजर आ रहे थे.

इससे पहले 20 जून को देश के कई हिस्सों में गंगा दशहरा का पर्व मनाया गया. लोग गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़े . आस्था के महापर्व में लोग गंगा नदी में नहाकर पुण्य कमाने पहुंचे लेकिन भीड़ होने की वजह से कोरोना नियमों की धज्जियां भी उड़ीं. वाराणसी में कोरोना कर्फ्यू पर आस्था भारी पड़ गयी. गंगा दशहरा पर रोक के बावजूद श्रद्धालु स्नान करते नजर आए थे.

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उत्तर प्रदेश में सोमवार से कर्फ्यू में और ढील दी गई. इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को गश्त तेज करने और बड़ी संख्या में भीड़ नहीं जमा होने देने के निर्देश दिए थे. छूट के तहत दुकानें सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक खुल सकती हैं. 

 

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