scorecardresearch
 

पीलीभीत के जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी का 'खेला', ठगी रह गई सपा

यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनान में सबसे बड़ा उल्टफेरपीलीभीत जिले में देखने को मिली है, जहां बीजेपी से जीते हुए जिला पंचायत सदस्य स्वामी प्रवक्ता नंद को सपा ने अध्यक्ष पद का कैंडिडेट बनाया था. लेकिन स्वामी प्रवक्ता नंद ने मंगलवार को अपना नाम वापस लेकर बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन का ऐलान कर दिया है. इस सियासी खेल में सपा के अरमानों पर बीजेपी ने पानी फेर दिया है.

Advertisement
X
भगवा कपड़े में स्वामी प्रवक्ता नंद
भगवा कपड़े में स्वामी प्रवक्ता नंद
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जिला पंचायत पर बीजेपी ने दबदबा कायम किया
  • बीजेपी के 21 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए
  • पीलीभीत में सपा प्रत्याशी ने बीजेपी को किया समर्थन

उत्तर प्रदेश जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में सपा भले ही सबसे ज्यादा सीटें जीतकर नंबर वन बनी, लेकिन अध्यक्ष पद पर बीजेपी का दबदबा बना है. जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में नामांकन वापसी के बाद यूपी के 75 जिलो में से 22 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. इनमें से 21 बीजेपी के और महज एक इटावा में सपा का जिला पंचायत अध्यक्ष चुना गया है. 

Advertisement

यूपी में सबसे उलटफेर वाला चुनाव पीलीभीत जिले में देखने को मिला है, जहां बीजेपी से जीते हुए जिला पंचायत सदस्य को सपा ने अध्यक्ष पद का कैंडिडेट बनाया था. इसे सपा ने अपनी बड़ी कामयाबी बताते हुए बीजेपी से आए स्वामी प्रवक्ता नंद को पार्टी की सदस्यता दिलाते हुए प्रत्याशी बनाया. मंगलवार को प्रवक्ता नंद ने बीजेपी विधायकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपना नामांकन वापस ले लिया और बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन का ऐलान कर दिया. बीजेपी इसे अपनी रणनीति का हिस्सा और राजनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक बता रही है. 

बता दें कि पीलीभीत सांसद वरुण गांधी और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी करीबी माने जाने वाले स्वामी प्रवक्ता नंद ने जिला पंचायद सदस्य बनने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी की थी. लेकिन, बीजेपी ने प्रवक्ता नंद को टिकट देने के बजाय डॉ. दलजीत कौर को प्रत्याशी बना दिया. इसके चलते प्रवक्ता नंद ने बीजेपी छोड़कर 25 जून को सपा का दामन थाम लिया है.

Advertisement

सपा की सदस्यता लेते ही स्वामी प्रवक्ता नंद ने कहा था कि पीलीभीत की जिला पंचायत सीट ओबीसी के लिए आरक्षित थी, हमको बीजेपी ने कहा था आप चुनाव लड़ेंगे लेकिन मुझे टिकट नहीं दिया है. इसलिए मैं सपा पार्टी में आ गया हूं और अगर सपा पार्टी मुझे अध्यक्ष पद के लिए टिकट देगी तो मैं चुनाव लडूंगा. ऐसे में सपा ने अपने नेताओं को नजरअंदाज करते हुए बीजेपी से आए प्रवक्तानंद को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी बना दिया. 

स्वामी प्रवक्तानंद ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 26 जून को नामांकन कर बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर गए. सपा प्रवक्ता नंद के बहाने पीलीभीत में अपनी जीत की उम्मीद लगाए हुए थी और अपने साथ-साथ निर्दलीय सदस्यों को साधने में पार्टी के तमाम दिग्गज नेता लग गए थे. सपा नेताओं को यह उम्मीद हो गई थी कि पीलीभीत में उनका जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय है. 

सपा के उम्मीदों के हिसाब से सब ठीक चल रहा था, लेकिन मंगलवार को नामांकन वापसी के दिन के स्वामी प्रवक्ता नंद ने बीजेपी जिला अध्यक्ष और पार्टी विधायकों के साथ कलेक्ट्रेट जाकर अपना नाम वापस ले लिया. पीलीभीत जिला पंचायत के चुनाव में दो ही कैंडिडेट ने नामांकन कर रखा था. प्रवक्ता नंद के परचा वापस लेने के बाद एक ही प्रत्याशी बचे और वो भी बजेपी के डॉ. दलजीत कौर जिन्हें निर्विरोध चुना गया है. 

Advertisement

स्वामी प्रवक्ता नंद ने बताया कि मैंने अपना जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये सपा से पर्चा भरा था, जो मैंने वापस ले लिया है. अब भाजपा को समर्थन देता हूं. वहीं, बीजेपी जिलाध्यक्ष इसे सर्जिकल स्टाइक बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि, स्वामी जी हमारे हैं और हमारे ही रहेंगे. ये हमारी रणनीति में राजनीति के हिस्से का एक भाग है जिसको उन्होंने पूरा किया है. इस तरह से सपा को अपने नेताओं को नजरअंदाज कर दलबदलू नेताओं को टिकट देना मंहगा पड़ा और पीलीभीत की जीती हुई सीट गंवा दी.

बता दें कि स्वामी प्रवक्ता नंद ने कई बार दलबदल कर चुके हैं और हर बार घर वापसी की है. बीते विधानसभा चुनाव में आरएलडी से बरखेड़ा विधानसभा से प्रवक्ता नंद ने चुनाव लड़ा था. उस समय भी स्वामी प्रवक्ता नंद को बीजेपी से टिकट नहीं मिला था, जिससे नाराज होकर उन्होंने  से चुनाव लड़ा था और हार गए थे. इसके बाद बीजेपी में वापसी कर गए थे और फिर सपा में चार दिन रहकर घर वापसी कर गए और पार्टी का जिला पंचायत अध्यक्ष भी बनवा दिया. 

 

Advertisement
Advertisement