लखनऊ पुलिस ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव का पीए बनकर लोगों से ठगी करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार जालसाज ने खुद को रामगोपाल यादव का करीबी बताकर सपा के दो मौजूदा विधायकों को मंत्री बनवाने का झांसा दिया था. इसी के बाद इसका भांडाफोड़ हुआ और ये पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
मूल रूप से बाराबंकी के रामपुर इलाके के रहने वाला वीरेन्द्र कुमार अपने कारनामे से कई लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगा चुका है. मामूली पढ़ाई करने के बाद शिक्षा मित्र की नौकरी शुरू करने के बाद वहां नियुक्ति का झांसा देकर कई लोगों को ठगा लेकिन उसके इस खेल का खुलासा होने के बाद उसको नौकरी से निकाल दिया गया.
शिक्षा मित्र की नौकरी से बर्खास्त होने के बाद वीरेन्द्र ने लखनऊ को अपना नया ठिकाना चुना और ट्रेवल एजेंसी खोली और फिर मंत्रियों की गाड़ी चलाने लगा. इसी दौरान वीरेंद्र ने अपने आपको सपा के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव का पीए बताकर लोगों को नौकरी दिलाने और सरकारी काम करवाने का प्रलोभन देकर ठगना शुरू किया क्योंकि वीरेंद्र के ट्रेवल एजेंसी की गाड़ियां कई मंत्री और विधायकों के साथ लगी थी. लिहाजा लोग आसानी से इसका शिकार हो जाते थे.
लेकिन जब उसने प्रदेश के दो मौजूदा विधायकों को मंत्री बनवाने का झांसा दिया तो वह पुलिस के रडार पर आ गया. पुलिस ने जांच की तो पता चला कि रामगोपाल यादव का वीरेंद्र नाम का कोई पीए नहीं है जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और जालसाज को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से दो चार पहिया गाड़ी, माननीयों के लेटर पैड, विभिन्न कंपनियों के सिम, विधान सभा में प्रवेश वाले पास के अलावा अन्य सामान भी बरामद किया है. पुलिस का कहना है कि जालसाज के नेटवर्क को भी खंगाला जा रहा है.