लखनऊ हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. यूपी पुलिस ने आज दावा किया कि यह गैंगरेप की वारदात नहीं है, बल्कि इस मामले में एक ही शख्स ने वारदात को अंजाम दिया. पुलिस का यह भी कहना है कि पीड़िता के साथ रेप नहीं हुआ था.
हालांकि, मृतका के परिजन पुलिस की इस दलील से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. वहीं, आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी पुलिस की 'थ्योरी' पर सवाल उठा दिए हैं. ठाकुर सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं. उनका कहना है कि पुलिस ने दबाव में मामले को सुलझाने का दावा किया है.
एडीजीपी सुतापा सान्याल ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मोहनलालगंज में महिला की हत्या के आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. यह गैंगरेप का मामला नहीं है. उन्होंने बताया कि मृतका की कॉल डिटेल की जांच में पता चला है कि आरोपी रामसेवक यादव है जो गार्ड का काम करता है.
सान्याल के मुताबिक, आरोपी ने पीड़िता को कॉल करके फ्लैट देखने के लिए बुलाया था. उसने पीड़िता से बलात्कार करने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहने पर पीड़िता पर हमला किया. चोटों की वजह से ज्यादा खून बहने से पीड़िता की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि इस वारदात में चोरी के मोबाइल का इस्तेमाल किया गया.
धोखे से बुलाया फिर जबरदस्ती
एडीजी ने बताया कि रामसेवक पीड़िता के मकान के पास एक निर्माणाधीन अपार्टमेंट में गार्ड है. वह मोहनलालगंज थाना क्षेत्र के बलसिंहखेड़ा गांव के ही गढ़ी टोला का रहने वाला है. पीड़िता इस इमारत में एक दो बार फ्लैट देखने गई थी. रामसेवक ने राजीव बनकर महिला को फोन किया. इस मोबाइल फोन का सिम भी चोरी का था. 16 जुलाई की रात को करीब दस बजे राजीव नाम के किसी व्यक्ति ने महिला को फोन करके बुलाया. महिला ऑटो से मोहनलालगंज पहुंची. वहां मोटरसाइकिल पर राजीव ने हेलमेट लगाकर उसे रिसीव किया और उसे लेकर वह बलसिंह खेड़ा स्थित रोड के किनारे प्राइमरी स्कूल में पहुंचा.
स्कूल में जब उसने अपना हेलमेट उतारा तो मोबाइल की रोशनी में उसका चेहरा देखकर महिला चौंक गई. महिला ने उसे धमकी देते हुए कहा, 'रामसेवक तुमने मुझे धोखा देकर बुलाया है. मैं तुम्हें कल बताती हूं.' फिर रामसेवक ने उससे संबंध बनाना चाहा तो वह धमकी देते हुए भागी. रामसेवक ने उसके कपड़े फाड़ दिए और जबरदस्ती करने की कोशिश की. नाकाम रहने पर उसने महिला के प्राइवेट पार्ट पर हमला किया.
आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ धारा 302, 376ए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. आरोपी को आज मोहनलालगंज थाने में लाया गया. उसकी मोटरसाइकिल, हेलमेट और मोबाइल भी बरामद कर ली गई है. आरोपी का आपराधिक इतिहास भी रहा है.
अलका लांबा के खिलाफ एफआईआर
लखनऊ गैंगरेप की शिकार महिला की निर्वस्त्र लाश सोशल मीडिया (फेसबुक) पर अपलोड करने के मामले में आम आदमी पार्टी की नेता अलका लांबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. शिकायत दर्ज कराने वाले शख्स ने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताया है. हजरतगंज पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है.
एडीजी ने इस बात की तस्दीक की कि पुलिस उन लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 66(ए) के तहत कार्रवाई करने जा रही है जिन्होंने सोशल मीडिया पर मृतका की निर्वस्त्र लाश की तस्वीर अपलोड की. मोहनलालगंज थाने के छह पुलिसवालों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. इन पुलिसवालों की लापरवाही की वजह से ही स्थानीय लोग मृतका की ऐसी तस्वीर लेने में कामयाब हुए.