आंसू गैस के गोलों का विकल्प तलाश रही यूपी पुलिस अब आने वाले दिनों में उत्तेजित भीड़ से निपटने के लिए मिर्ची बम का इस्तेमाल करेगी.
यूपी के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए 302.30 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजने का निर्देश पुलिस महकमे को दिया है. इसमें भीड़ नियंत्रण के लिए 11 करोड़ की लागत से विभिन्न प्रकार के 2200 गैर घातक हथियार और 36 हजार मिर्ची बम खरीदने की योजना है.
असल में आंसू गैस के सहारे उग्र भीड़ से निपटने में यूपी पुलिस को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस मुख्यालय में तैनात एक एसपी बताते हैं कि पिछले छह माह के दौरान प्रदेश में करीब एक दर्जन ऐसे मौके आए जब प्रदर्शनकारियों ने उग्र होकर पुलिस फोर्स पर पथराव शुरू कर दिया. पर्याप्त बल की उपलब्धता न होने के कारण पुलिस को आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा लेकिन आधा दर्जन मौकों पर आंसू गैस के यह गोले भीड़ के बीच नहीं फटे और पुलिस को वापस लौटना पड़ा. इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस महकमे ने अब भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस की बजाय मिर्ची बम का प्रयोग करने की योजना तैयार की है.
मिर्ची बम का आंसू गैस की तरह ही उपयोग किया जाता है लेकिन इसके न फटने की आशंका न के बराबर होती है. इसके अलावा आंसू गैस की तरह मिर्ची बम आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाता है. सुरक्षा की दृष्टि से मिर्ची बम खरीदने की अनुमति केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेनी पड़ती है.
यही नहीं पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए भी सरकार प्रयास कर रही है. इसके लिए पुलिस स्टेशनों के प्रयोग में आने वाले 852 हल्के वाहनों और मोटर साइकिलों को खरीदने की योजना है. पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में साइबर क्राइम लैबों की स्थापना में 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.