कानून व्यवस्था के मोर्चे पर लगातार आलोचना का शिकार हो रही उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्य प्रणाली में सुधार के लिए सरकार अब 'छुट्टी का फार्मूला' लेकर सामने आई है. पुलिसकर्मियों को अब सप्ताह में एक दिन की छुट्टी दी जाएगी, ताकि वे चिड़चिड़े और सुस्त न हों.
सरकार को लगता है कि लगातार बगैर छुट्टी के काम करने से पुलिस कर्मचारी चिड़चिड़े और सुस्त होते जा रहे हैं, जिसका असर उनके काम पर पड़ रहा है. इससे निपटने के लिए पुलिस विभाग एक मॉडल प्रोजेक्ट राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर थाने में एक जून से लागू करने जा रहा है.
रिटायर्ड डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) यशपाल सिंह बताते हैं कि ब्रिटिश शासन के समय बने पुलिस एक्ट (1861) का अभी तक पालन हो रहा है. इसके मुताबिक सभी पुलिसकर्मी हफ्ते के हर दिन चौबीस घंटे ड्यूटी पर रहेंगे. इसके लिए इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को एक महीने की सैलरी अतिरिक्त देने का प्रावधान किया गया है.
लखनऊ रेंज के डीआईजी नवनीत सिकेरा बताते हैं कि गोमतीनगर थाने में शुरू होने वाली योजना के मुताबिक, यहां तैनात हर पुलिसकर्मी को हफ्ते में एक दिन छुट्टी दी जाएगी. रोस्टर के अनुसार, यह तय होगा कि किस दिन किसकी छुट्टी होगी.
सिकेरा बताते हैं, छुट्टी वाले दिन पुलिसकर्मी से कोई काम नहीं लिया जाएगा. एक दिन छुट्टी रहने पर पुलिसकर्मी अपने परिवार के साथ समय बिता सकेंगे और हफ्ते के बाकी दिन तरोताजा होकर छुट्टी कर सकेंगे. इन पुलिस कर्मियों को छुट्टी तो मिलेगी ही़ साथ में इन्हें अतिरिक्त मिलने वाली एक महीने की सैलरी में भी कोई कटौती नहीं होगी.
राजधानी में गोमतीनगर थाने का चुनाव इस योजना के लिए इस लिए किया गया है, क्योंकि यहां न केवल काम का सबसे ज्यादा दबाव है, बल्कि यहां मानक से कम पुलिसकर्मी तैनात हैं. यहां 17 सब इंस्पेक्टर के पद पर केवल 9 तैनात हैं. हेड कांस्टेबल के 18 पद पर 7 और कांस्टेबल के 98 पद पर 74 की ही तैनाती है.
एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ट्रांस गोमती) हबीबुल हसन बताते हैं कि यदि गोमतीनगर में यह योजना सफल हुई तो इसे प्रदेश के हर जिले में लागू किया जा सकता है.
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