UP-Bihar Pollution: सर्दियों का मौसम देश के कई इलाकों में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन जाता है. जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है, वैसे-वैसे प्रदूषण भी लोगों को सताने लगता है. यूं तो दिल्ली प्रदूषण के कारण बदनाम है लेकिन उत्तर प्रदेश भी इस लिहाज से पीछे नहीं है. आइये जानते हैं आज क्या है उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में प्रदूषण का स्तर.
उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों से हवा में प्रदूषण क स्तर में सुधार देखने को मिल रहा था, लेकिन आज यानि 25 नवंबर को हालात एक बार फिर बिगड़ गए हैं. यहां सबसे ज्यादा बुरा हाल मुजफ्फरनगर, मेरठ और बागपत में है. आइये जानते हैं अन्य इलाकों का हाल.
यूपी के कई शहरों की हवा में सुधार
यूपी के शहर | एक्यूआई | श्रेणी |
आगरा | 121 | मध्यम |
बरेली | 188 | मध्यम |
बागपत | 277 | खराब |
बुलंदशहर | 216 | खराब |
फिरोजाबाद | 104 | मध्यम |
गाजियाबाद | 236 | खराब |
ग्रेटर नोएडा | 260 | खराब |
गोरखपुर | 128 | मध्यम |
हापुड़ | 175 | मध्यम |
झांसी | 124 | मध्यम |
कानपुर | 205 | खराब |
लखनऊ | 237 | खराब |
मेरठ | 288 | खराब |
मुरादाबाद | 181 | मध्यम |
मुजफ्फरनगर | 291 | खराब |
नोएडा | 222 | खराब |
प्रयागराज | 132 | मध्यम |
वाराणसी | 114 | मध्यम |
वृंदावन | 135 | मध्यम |
बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 से 200 को 'मध्यम', 201 से 300 को 'खराब', 301 से 400 को 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को 'गंभीर' माना जाता है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है?
जैसे कि नाम से आप वाकिफ हो गए हैं ये इंडेक्स हवा की जानकारी देता है. यह हवा की गुणवत्ता के बारे में जानकारी देता है. इसमें बताया जाता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली हुई है. इस इंडेक्स में 6 कैटेगरी बनाई गई हैं. ये 6 कैटेगरी हैं- अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित, खराब, बहुत खराब और गंभीर.
8 प्रदूषकों से मिलाकर बनाया जाता है एयर क्वालिटी इंडेक्स
एयर क्वालिटी इंडेक्स मुख्य रूप से 8 प्रदूषकों (PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO, O3, NH3, and Pb) से मिलाकर बनाया जाता है. इस में वायु प्रदूषण का मतलब है हवा में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक है.
प्रदूषण की समस्या को भयंकर बनाने में मुख्य भूमिका हवा में मौजूद PM 2.5 और PM 10 कणों की होती है. जिस वजह से इन कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन होने लगती है.