इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतरी को लेकर पिछले करीब 20 दिनों से बवाल मचा हुआ है. छात्र सड़कों पर अनशन कर रहे हैं. छात्रों ने मंगलवार को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के इस फैसले के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन को उग्र होता देख पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. इससे पहले सोमवार को एक छात्र ने खुद पर पेट्रोल छिड़कर आत्मदाह करने की कोशिश की थी. इसके बाद अफरा तफरी का माहौल हो गया था.
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 31 अगस्त को फीस में 400 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई थी. इसके बाद से ही कई स्टूडेंट्स ने छात्र संघ भवन के सामने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो अब तक जारी है. मंगलवार को छात्रों ने यूनिवर्सिटी के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया. इस प्रदर्शन को 'आर या पार मंगलवार' नाम दिया गया था. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पुलिस पर हाथापाई का आरोप लगाया. एक छात्र ने कहा कि उसका गला दबाया गया. उसकी शर्ट फाड़ दी गई.
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— AajTak (@aajtak) September 20, 2022
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में फीस की वृद्धि का विरोध कर रहे हैं, न छात्र पीछे हटने को तैयार हैं न कॉलेज प्रशासन पीछे हट रहा है. ऐसे में छात्र अब आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है. इससे पहले बढ़ी फीस का विरोध करने पर 15 नामजद और 100 100 अज्ञात छात्रों के खिलाफ कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
मायावती ने उठाया मुद्दा
बसपा सुप्रिमो मायावती ने भी इस मामले में सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी की फीस में एकमुश्त भारी वृद्धि करने के विरोध में छात्रों के आंदोलन को जिस प्रकार कुचलने का प्रयास जारी है वह अनुचित व निन्दनीय है. यूपी सरकार अपनी निरंकुशता को त्याग कर छात्रों की वाजिब मांगों पर सहानुभतिपूर्वक विचार करे.