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यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और एसीएस अवनीश अवस्थी शनिवार को दिन में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने गाज़ीपुर के कासिमाबाद पहुंचे. उन्होंने बताया कि ये कार्य समय से पहले पूरा होगा. 95 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के चलते कुछ काम नहीं हुआ था वो भी आगामी 10 जुलाई तक पूरा हो जाएगा. कोरोना संकट टलते ही इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री करेंगे. इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद क्षेत्र का समग्र विकास होगा.
वहीं मंत्री सतीश महाना का कहना है कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का काम 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है और जल्द ही इस पर वाहन फर्राटा भरेंगे. औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना भी निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा करने के लिए अधिकारियों के साथ गाज़ीपुर पहुंचे थे. उन्होंने जिले में निर्माणाधीन पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की और घूम कर सड़क का निर्माण कार्य भी देखा.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण के करने के लिए औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह व यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश अवस्थी, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अरविंद कुमार के साथ हेलीकॉप्टर से पहुंचे थे. जहां जिलाधिकारी गाज़ीपुर मंगलप्रसाद सिंह, एसपी डॉ० ओमप्रकाश सिंह के साथ अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
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मंत्री ने गार्ड ऑफ ऑनर के बाद अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के बाद मंत्री ने एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया और क्षेत्रीय लोगों की समस्या भी सुनी और निदान का भरोसा भी दिया.
बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. 10 जुलाई तक बाकी के काम भी पूरे हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि ये सड़क पूर्वांचल के लोगों के लिए लाइफ लाइन साबित होगी. अब इस सड़क के बन जाने के बाद काफी मात्रा में उद्योग धंधे लगेंगे और इससे रोजी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र का विकास तेजी से होगा.
गौरतलब है कि पूर्वांचल में विकास को रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता पर काबिज होने के बाद लखनऊ से आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक सिक्स लेन के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू करवाया था. इस एक्सप्रेसवे की लम्बाई 340.824 किमी है और इसे भविष्य में आठ लेन का किया जा सकता है. इस परियोजना से जनपद लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर लाभान्वित होंगे.
लखनऊ से बिहार सीमा तक जाने वाले इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों का चलना शुरू होने के साथ ही पूर्वांचल के लोगों का बड़ा सपना पूरा हो जाएगा. यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ उद्योग धंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि क्षेत्रीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध कराएगा.
इसी वर्ष उक्त एक्सप्रेसवे पर सभी किस्म के वाहनों को चलने की अनुमति मिलने की संभावना है. यानी सरकार की ओर से प्रदेश के लोगों को इस साल का यह बड़ा तोहफा होगा. आने वाले दिनों में उक्त एक्सप्रेसवे का अलावा बीते साढ़े तीन वर्षों में बनी सड़कें उत्तर प्रदेश की जीवनरेखा होंगी.
मार्च, 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने से पहले प्रदेश में केवल दो एक्सप्रेसवे ही मौजूद थे. अब इनकी संख्या में इजाफा होने को है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से राज्य में एक्सप्रेसवे के निर्माण में उत्साह दिखाया है, उसकी तारीफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है. बीते 30 नवंबर, 2020 को देव-दीपावली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वाराणसी आए, तो उन्होंने मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अब 'एक्सप्रेसवे प्रदेश' बन चुका है.
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