उत्तर प्रदेश में तबादले में हुई धांधली का मामला सामने आने के बाद सियासत गरमा गई है. योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद विवादों के घेरे में है, क्योंकि मामला उनके विभाग पीडब्ल्यूडी से जुड़ा है. जितिन के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय को सीएम योगी ने सिर्फ दिल्ली का रास्ता ही नहीं दिखाया बल्कि उनके खिलाफ विजिलेंस जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी सिफारिश की है. साथ ही पीडब्ल्यूडी के पांच अधिकारियों को भी सस्पेंड कर दिया है.
पीडब्ल्यूडी में एक्शन की कार्रवाई के बाद जितिन प्रसाद सीएम योगी से मिलने के बाद दिल्ली पहुंचे हैं, जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. ऐसे में अमित शाह के जितिन प्रसाद क्या अपने विभाग में हुई कार्रवाई को लेकर शिकायत करेंगे या फिर पूरे मामले पर अपनी सफाई देंगे. ये सवाल इसीलिए है कि उनकी नाक के नीचे ट्रांसफर का खेल होता रहा और इसकी भनक भी उन्हें नहीं लगी या फिर उन्हें पूरे मामले की जनाकारी नहीं थी.
बता दें पीडब्लूडी विभाग में ट्रांसफर को लेकर काफी शिकायतें आई हैं, जिसके बाद से योगी सरकार एक्शन में है. योगी सरकार ने जितिन प्रसाद के पीडब्लूडी में कड़ी कार्रवाई की है. इस एक्शन से जितिन प्रसाद नाराज हैं, लेकिन उनकी नाराजगी खुलकर सामने नहीं आई है. हालांकि, उन्होंने इसी बात को लेकर मंगलवार को योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और बुधवार को दिल्ली पहुंचे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, जितिन प्रसाद दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर सकते हैं. इस दौरान माना जा रहा है कि तबादलों पर सीएम योगी की कार्रवाई और जांच के लिए गठित कमेटी को लेकर जितिन प्रसाद अमित शाह के सामने अपनी बात रख सकते हैं. जितिन प्रसाद बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर सकते हैं.
दरअसल, जितिन प्रसाद के मंत्रालय लोक निर्माण विभाग में 350 से अधिक इंजीनियरों का तबादला हुआ था. पीडब्ल्यूडी के करीब 200 अधिशासी अभियंताओं और डेढ़ सौ से अधिक सहायक अभियंताओं का तबादला किया गया है. जितिन प्रसाद के पीडब्ल्यूडी विभाग में हुए ट्रांसफर में में ऐसे-ऐसे लोगों का तबादले कर दिए गए थे, जो जिंदा भी नहीं हैं. कई कर्मचारियों का तबादला तब बहुत दूर कर दिया गया, जब वे एक-दो साल के अंदर ही रिटायर होने वाले थे.
ट्रांसफर में धांधली की शिकायत पर सीएम योगी के निर्देश पर जांच कमेटी बनी. कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी ने सभी बिंदुओं को खंगाला. समिति ने जांच के क्रम में पाया कि मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडे के खिलाफ कई शिकायतें हैं. ऐसे में सवाल है कि मंत्री जितिन प्रसाद पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि उनकी सिफारिश पर अपर सचिव एके पांडे को केंद्र से प्रतिनियुक्त कर यूपी लाया गया था.
योगी सरकार ने अनिल पांडेय को ट्रांसफर मामले में भ्रष्टाचार का आरोपित बनाया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि विभागीय स्तर पर अगर ट्रांसफर मामले में गड़बड़ी हो रही थी तो मंत्री के तौर पर जितिन प्रसाद पर भी सवाल खड़े हो रहे. ऐसे में क्या मंत्री को इस पूरे मामले की जानकारी ही नहीं दी गई? क्या बिना मंत्री की अनुमति के ही ट्रांसफर लिस्ट तैयार कर जारी कर दी गई? यह सारे सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि जितिन और अनिल पांडे के रिश्ते काफी पुराने हैं.
योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं. कांग्रेस में रहते हुए यूपीए सरकार के दौरान जितिन प्रसाद केंद्र में मंत्री रहे तो अनिल कुमार पांडेय उनके कार्यालयों में तैनात रहे थे. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण में जितिन प्रसाद के मंत्री बनने के बाद अनिल कुमार पांडेय ने यूपी में अपने पदस्थापन का आवेदन दिया था. ऐसे में जितिन की सहमति के बाद ही अनिल पांडे को यूपी में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति दी गई उनकी तैनाती जितिन प्रसाद के साथ हुई.
वहीं, अब जब पीडब्ल्यूडी में हुए ट्रांसफर में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए तो जितिन प्रसाद पर सवाल खड़े होने लगे. ऐसे में मंत्री से लेकर विभागाध्यक्ष और प्रमुख सचिव की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. 350 से अधिक इंजीनियरों का ट्रांसफर किया गया. विवाद गरमाया तो मामला बढ़ता चला गया. विवाद सीएम तक पहुंचा तो जांच कमिटी बना दी गई और उसके बाद एक्शन शुरू हो गया है. पीडब्ल्यूडी विभाग में तबादलों में गड़बड़ियों को लेकर लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद चर्चा के केंद्र में बने हुए हैं.
पीडब्ल्यूडी विभाग में हुए तबादलों पर लेकर सीएम योगी ने सिर्फ जांच ही नहीं बल्कि जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडे को भी नाप दिया है. भारत सरकार से प्रतिनियुक्ति पर आए अपर सचिव अनिल पांडे के खिलाफ विजिलेंस जांच और विभागीय कार्रवाई के भी सिफारिश हुई है. ऐसे में जितिन प्रसाद ने इसी बात को लेकर मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और अब दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात करेंगे. ऐसे देखना है कि जितिन क्या कार्रवाई को लेकर शिकायत करते हैं या फिर पूरे मामले पर सफाई देते हैं?