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मुख्तार अंसारी का वोट कटने के बाद मायावती की विधायकों संग बैठक

यूपी की 10 सीटों के लिए हो रहे राज्यसभा चुनाव में 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. 24 घंटे से भी कम समय में मतदान के लिए बचा है. सूबे के मौजूदा विधायकों की संख्या के लिहाज से बीजेपी के 8 और सपा के एक सदस्य की जीत तय है. बीजेपी के 9वें उम्मीदवार अनिल अग्रवाल और बीएसपी के एकलौते प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर के बीच कांटे का मुकाबला है. क्रॉस वोटिंग से बचने के लिए मायावती आज विधायक दल की बैठक करेंगी. बीएसपी के लिए ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है.

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बीएसपी सुप्रीमो मायावती
बीएसपी सुप्रीमो मायावती

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यूपी की 10 सीटों के लिए हो रहे राज्यसभा चुनाव में 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. 24 घंटे से भी कम समय में मतदान के लिए बचा है. सूबे के मौजूदा विधायकों की संख्या के लिहाज से बीजेपी के 8 और सपा के एक सदस्य की जीत तय है. बीजेपी के 9वें उम्मीदवार अनिल अग्रवाल और बीएसपी के एकलौते प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर के बीच कांटे का मुकाबला है. क्रॉस वोटिंग से बचने के लिए मायावती आज विधायक दल की बैठक करेंगी. बीएसपी के लिए ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है. इस बैठक से कुछ देर पहले ही हाईकोर्ट ने बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी के वोट देने पर रोक लगा दी है.

बैठक में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, विधायक उमाशंकर सिंह, हर गोविन्द भार्गव और सुषमा पटेल समेत कई नेता बैठक में पहुंच गए हैं.

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बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने एकलौते राज्यसभा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को जिताने के लिए लखनऊ में डेरा जमा रखा है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. सूत्रों की मानें तो बीसएपी को पार्टी में सेंधमारी की आशंका है, इसलिए एक-एक विधायक से मायावती खुद मिलेंगी और उनके मूड को समझेंगी.

बीएसपी के पास 19 विधायक हैं. इसी तरह से बीएसपी प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर की जीत का सारा दारोमदार विपक्ष के ऊपर निर्भर करता है. जबकि सपा, कांग्रेस और आरएलडी ने बीएसपी उम्मीदवार को राज्यसभा चुनाव में समर्थन देने का ऐलान किया है.

बसपा के लिए अखिलेश का गणित

मायावती अपने विधायकों के साथ सपा और कांग्रेस से उम्मीद लगाए हुए हैं. हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीएसपी उम्मीदवार को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. बुधवार को चाचा शिवपाल यादव और निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह को अपनी डिनर पार्टी में बुलाकर अपनी सियासी ताकत का एहसास बीजेपी को करा दिया है. रघुराज प्रताप के पास खुद का और एक वोट उनके सहयोगी विनोद सरोज का है. इस तरह उनके पास दो वोट हैं. राज्यसभा के लिए दोनों वोट काफी अहम माने जा रहे हैं.

बीजेपी के समीकरण

दरअसल सूबे की सभी पार्टियां अपना-अपना किला बचाने में जुटी हैं. एक राज्यसभा सीट को जीतने के लिए 37 वोटों की जरूरत है. बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ 8 राज्यसभा सीटों पर आसानी से जीत जाएगी. इसके बाद 28 वोट अतरिक्त बचते हैं. ऐसे में 9वीं सीट के प्रत्याशी अनिल अग्रवाल को जिताने के लिए उसे 9 और वोटों की जरूरत पड़ेगी. निर्दलीय और सपा-बसपा के बागी विधायकों के सहारे बीजेपी अपनी जीत की आस लगाए हुए हैं.

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