समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और रामपुर से सांसद आजम खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले आजम खान अब भू-माफिया बन गए हैं. जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के आरोप में फंसे आजम खान को प्रशासन ने भू-माफिया घोषित कर दिया है. उनके खिलाफ 10 दिन में 23 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं, आजम खान ने दर्ज किए गए मामलों पर कहा कि उनके खिलाफ बदले की राजनीति हो रही है और सभी आरोप झूठे हैं.
ये बयान आजम खान पर पड़ा भारी
बीते लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान ने अप्रैल में एक जनसभा में रामपुर के डीएम को निशाने पर ले लिया था. उन्होंने कहा था कि चुनाव बाद इनसे मायावती के जूते साफ कराऊंगा. शायद यही बयान आज आजम खान पर भारी पड़ रहा है.
आजम खान ने जनसभा में कहा था 'सब डटे रहो... ये कलेक्टर पलेक्टर से मत डरो. ये तनख्वहियां है, हम तनख्वहियों से नहीं डरते. कैसे-कैसे बड़े-बड़े अफसर रुमाल निकालकर मायावती जी के जूते साफ करते हैं. हमारा उन्हीं से गठबंधन है और उन्हीं के जूते साफ कराऊंगा.' वहीं, लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद अखिलेश और मायावती अलग हो चुके हैं, लेकिन आजम की परेशानी कम होती नहीं दिख रही है.
एक्शन मोड में प्रशासन
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद आजम खान को रामपुर में भू-माफिया घोषित किए जाने के बाद डीएम आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा था कि शासनादेश के मुताबिक ऐसे लोगों को भूमाफिया घोषित किया जाता है जो दबंगई से जमीनों पर कब्जा करने के आदी हैं. जो लोग अवैध कब्जे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं और जिनके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज है उनका ही नाम उत्तर प्रदेश एंटी भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज कराया जाता है. सरकार भी इसकी निगरानी करती है. डीएम ने कहा कि आजम खान पर जमीन हथियाने का आरोप जांच में सिद्ध हुआ है जिसके बाद प्रशासन की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया.
5 हेक्टेयर जमीन हड़पने का आरोप
सांसद आजम खान और उनके एक सहयोगी के खिलाफ 26 किसानों की 5 हजार हेक्टेयर जमीन हड़पकर मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में इस्तेमाल करने का आरोप है. आजम खान के खिलाफ दर्ज मुकदमों की विवेचना 3 सदस्यीय स्पेशल टीम करेगी. पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा का कहना है कि विवेचना पूरी तरह निष्पक्ष होगी.