उत्तर प्रदेश के अयोध्या में संतों ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है. संतो का कहना है कि असदुद्दीन ओवैसी अपनी सियासत करने के लिए अयोध्या को फैजाबाद कहते हैं, लेकिन अयोध्या में उनकी कोई स्वीकार्यता नहीं है. संतों का कहना है कि ये ओवैसी हैं जो बाबरी मस्जिद को सही और राम मंदिर को गलत बताते थे, अब चुनाव में मुसलमानों को बरगलाने का काम करते हैं.
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने बसपा पर भी निशाना साधा, उन्होंने कहा कि मायावती हमेशा ब्राह्मणों के खिलाफ रहीं और अब वोट के लिए सम्मेलन करके ब्राह्मण जुटाने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव को देखकर हर कोई अयोध्या आना चाहता है लेकिन लोगों को पता है कि अयोध्या का कौन है और कौन नहीं. उन्होंने कहा कि अयोध्या का नाम विश्वव्यापी अयोध्या है, फैजाबाद कहकर ओवैसी यहां के लोगों की भावनाएं भड़काने का काम कर रहे हैं.
राम मंदिर पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा की ओवैसी का अयोध्या को फैजाबाद कहना उनकी दूषित मानसिकता को बताता है. वह बांटने का काम कर रहे हैं. ओवैसी चाहते हैं कि अयोध्या फैजाबाद बने, अयोध्या ना रहे पर ऐसा नहीं हो सकेगा. सीएम योगी का अयोध्या से पुराना नाता रहा है उनके गुरु के गुरु भी मंदिर से जुड़े रहे हैं, हम चाहते हैं कि वह विधानसभा चुनाव में अयोध्या के प्रतिनिधि बनें.
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बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या में ओवैसी की दाल नहीं गलेगी. अयोध्या वो आए जो विकास की बात करें, ना कि धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांटने की. ऐसे लोगों को अयोध्या में कोई जगह नहीं मिलेगी. ओवैसी का रुदौली में विरोध करने वाले संत परमहंस ने कहा कि वो गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले व्यक्ति हैं. ओवैसी देश विरोधी विचारधारा की नुमाइंदगी करते हैं. वह अपने सियासी एजेंडे को पूरा नहीं कर पाएंगे. अयोध्या को फैजाबाद नहीं बना पाएंगे.