लोकसभा चुनाव में करारी हार और 36 दर्जाधारी मंत्रियों को बर्खास्त करने के बाद दूसरी गाज सपा की प्रदेश इकाई पर गिरी है. प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव को छोड़कर सपा की प्रदेश कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है. इसके अलावा 15 फ्रंटल संगठनों की राज्य कार्यकारिणी को अध्यक्षों समेत भंग कर दिया गया.
यह कार्रवाई गुरुवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के आदेश पर की गई है. इस तरह सपा की प्रदेश इकाई में अब सिर्फ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही अध्यक्ष पद पर बचे हैं. माना जा रहा है कि कुछ दर्जा प्राप्त मंत्रियों, मंत्रियों और जिलाध्यक्षों को भी हटाया जा सकता है. गौरतलब है कि मुलायम सिंह को प्रधानमंत्री बनाने के लक्ष्य के साथ चुनाव मैदान में उतरी पार्टी को आम चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. यही नहीं, विधानसभा उपचुनाव में भी बीजेपी और अपना दल ने सपा से तीन सीटें छीन लीं, जबकि एक सीट कांग्रेस ने बरकरार रखी.
लोकसभा चुनाव और उपचुनाव में एक के बाद एक झटके झेल चुके मुलायम और अखिलेश यादव लोकसभा प्रत्याशियों, जिला, शहर अध्यक्षों और महासचिवों के साथ अलग-अलग बैठक कर हार की समीक्षा कर चुके हैं. हार की समीक्षा के लिए मुलायम और अखिलेश अब शुक्रवार को विधायकों के साथ बैठक करने वाले हैं. सपा मुख्यालय में होने वाली इस बैठक में विधायकों से चुनाव में हार की वजह पूछी जाएगी. प्रत्याशी, मंत्रियों और संगठन के बारे में भी फीडबैक लिया जाएगा.